Warning to oppose BJP over dissatisfaction with the Working Committee
MP BJP- एमपी बीजेपी की बहुप्रतीक्षित कार्यसमिति की गुरुवार को घोषणा कर दी गई। प्रदेशाध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल ने अपनी 25 सदस्यीय टीम बनाई है जिसमें कई पुराने चेहरों को हटा दिया गया है। इससे असंतोष के स्वर फूट पड़े हैं। प्रदेश के गुर्जर समाज ने तो बाकायदा सोशल मीडिया पर अपनी नाराजगी जताई है। प्रदेश कार्यकारिणी में समाज का प्रतिनिधित्व नहीं होने पर आक्रोश व्यक्त करते हुए अपने प्रभाव वाले 18 लोकसभा और 131 विधानसभाओं में विरोध की चेतावनी भी दी है।
बीजेपी प्रदेश कार्यकारिणी में गुर्जरों की उपेक्षा किए जाने का मुद्दा सकल गुर्जर समाज ने उठाया। संस्था के प्रदेश संयोजक रमेश गुर्जर ने कहा है कि समाज को प्रतिनिधित्व नहीं देना हमारा अपमान है, इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि खुद प्रदेशाध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल ने जब लोकसभा का उपचुनाव लड़ा था तब गुर्जर समाज ने उन्हें जीत दिलाने में बड़ा योगदान दिया था।
सकल गुर्जर समाज ने साफ कहा कि कार्यसमिति में प्रतिनिधित्व नहीं देने से गुर्जर समाज में आक्रोश है। प्रदेश की 18 लोकसभाओं और 131 विधानसभाओं में समाज का प्रभाव है। इन सीटों पर बड़ी संख्या में गुर्जर रहते हैं जोकि बीजेपी से जुड़े हैं। समाज के 5 हजार से 65 हजार तक मतदाता हैं जोकि निर्णायक साबित होते हैं। इसके बाद भी गुर्जर समाज को कार्यसमिति में प्रतिनिधित्व नहीं दिया गया जोकि बेहद आश्चर्यजनक है।
सकल गुर्जर समाज के प्रदेश संयोजक रमेश गुर्जर ने कहा कि स्पष्ट दिख रहा है कि बीजेपी को गुर्जर समाज की जरूरत नहीं है। उन्होंने इसे समाज का अपमान बताते हुए बीजेपी का विरोध करने की चेतावनी दी।
गुर्जरों के अलावा लोधी समाज ने भी बीजेपी की प्रदेश कार्यसमिति में प्रतिनिधित्व नहीं मिलने पर असंतोष जताया।
टीकमगढ़ पिछड़ा वर्ग मोर्चा के जिला उपाध्यक्ष सूरज सिंह लोधी ने भी सोशल मीडिया पर सार्वजनिक रूप से अपनी नाराजगी व्यक्त की।