प्रदेश से दूसरे राज्य नहीं भेजे जाएंगे चीतें
भोपाल। नमीबिया से लाए गए चीते अब मध्यप्रदेश की पहचान बने रहेंगे। इन्हें प्रदेश से बाहर नहीं भेजा जाएगा, बल्कि राज्य में ही इनके लिए नया आवास तैयार किया जा रहा है। रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व (नौरादेही) अब चीतों का नया घर बनने जा रहा है। केंद्र सरकार ने नौरादेही अभ्यारण को चीतों का स्थायी ठिकाना बनाने की मंजूरी दे दी है।
नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी (एनटीसीए) ने इसके लिए सेंट्रल कैंपा फंड से 4 करोड़ रुपये की पहली किस्त जारी की है, जबकि दूसरी किस्त के रूप में 3 करोड़ रुपये जल्द जारी किए जाएंगे। इस राशि से सागर और दमोह जिलों में फैले नौरादेही अभ्यारण में चार क्वारेंटाइन बोमा और एक सॉफ्ट रिलीज बोमा तैयार किए जाएंगे। साथ ही फेंसिंग और अन्य आधारभूत ढांचे का काम भी शीघ्र शुरू होगा।
प्रदेश के सबसे बड़े टाइगर रिजर्व (2339 वर्ग किमी) नौरादेही में चीतों को बसाने की कवायद अब तेज हो गई है। प्रारंभिक चरण में सिंघपुर, झापा और मोहली क्षेत्रों को उपयुक्त माना गया है, जिनमें 13 गांव आते हैं। चीतों के आगमन से पहले इन गांवों का पुनर्वास किया जाएगा और लगभग 30 किलोमीटर की परिधि में बाड़बंदी की जाएगी।
2026 की शुरूआत में नौरादेही पहुंचेगी चीतों की पहली खेप
पहले राजस्थान या गुजरात में चीतों की बसाहट पर विचार किया जा रहा था, लेकिन एनटीसीए ने स्पष्ट किया है कि अब चीते केवल मध्यप्रदेश में ही रहेंगे। संभावना है कि वर्ष 2026 की शुरुआत में अफ्रीका से चीतों की नई खेप नौरादेही पहुंचेगी। यदि ऐसा नहीं हुआ, तो कूनो में पले-बढ़े युवा चीतों को यहां स्थानांतरित किया जाएगा।