Sanchar Sathi: सरकार का बड़ा फैसला; सभी नए मोबाइल फोन में 90 दिनों के भीतर प्री-इंस्टॉल होगा 'संचार साथी' एप

टेक डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: सुयश पांडेय Updated Mon, 01 Dec 2025 07:58 PM IST

दूरसंचार विभाग ने मोबाइल कंपनियों को आदेश दिया है कि सभी नए स्मार्टफोन्स में 90 दिनों के भीतर संचार साथी एप प्री-इंस्टॉल हो। यह एप IMEI फ्रॉड, फर्जी कॉल और चोरी हुए फोन की शिकायत दर्ज करने में मदद करता है।

दूरसंचार विभाग (DoT) ने मोबाइल फोन कंपनियों को बड़ा निर्देश जारी किया है। अब देश में बनने या आयात होकर आने वाले हर नए स्मार्टफोन्स में 'संचार साथी' एप को प्री-इंस्टॉल करना अनिवार्य होगा। कंपनियों को इस नियम को लागू करने के लिए 90 दिन का समय दिया गया है।

 

क्या है नया आदेश?

28 नवंबर को जारी दिशा-निर्देश के मुताबिक, 90 दिनों के बाद भारत में बनने या आयात किए जाने वाले सभी मोबाइल फोन में संचार साथी एप पहले से मौजूद होना चाहिए। यह एप फोन सेटअप के दौरान आसानी से दिखाई दे और इसे हटाया या डिसेबल ना किया जा सके। सरकार ने साफ कहा है कि यह नियम सभी कंपनियों पर लागू होगा। चाहे वह एपल, सैमसंग, गूगल, शाओमी, वीवो या कोई दूसरा ब्रांड हो।

पुराने फोन पर क्या असर पड़ेगा?

जो मोबाइल फोन पहले से बन चुके हैं या बिक्री के लिए स्टोर में मौजूद हैं, उनमें भी यह एप जोड़ना अनिवार्य होगा। इसके लिए कंपनियों को सॉफ्टवेयर अपडेट के जरिए संचार साथी एप उपलब्ध कराना होगा। निर्माताओं और आयातकों को इस आदेश का पालन करने के लिए 120 दिनों के अंदर दूरसंचार विभाग में रिपोर्ट जमा करनी होगी।

संचार साथी एप क्यों हुआ अनिवार्य?

संचार साथी एप मोबाइल सुरक्षा से जुड़े मामलों को रोकने के लिए बनाया गया है। इस एप के जरिए मोबाइल के IMEI नंबर की जांच की जा सकती है। IMEI से जुड़े किसी भी फर्जीवाड़े की शिकायत दर्ज की जा सकती है। एप से खोए या चोरी हुए फोन की रिपोर्ट दर्ज की जा सकती है। फर्जी कॉल या धोखाधड़ी की शिकायत भी की जा सकती है। सरकार के अनुसार, IMEI से छेड़छाड़ करना गंभीर अपराध है। यह गैर जमानती अपराध है और दूरसंचार अधिनियम 2023 के अनुसार इसमें 3 साल की जेल, 50 लाख रुपये तक का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।

DoT का सख्त निर्देश संचार साथी एप फोन पर दिखना और चलना जरूरी

सरकार ने कहा है कि मोबाइल कंपनियां यह सुनिश्चित करें कि संचार साथी एप डिवाइस पर आसानी से दिखे। एप की सुविधाओं को डिसेबल किया या छुपाया ना जाए। जिससे उपयोगकर्ता एप को बिना किसी रुकावट के इस्तेमाल कर सकें। अगर निर्देशों का पालन नहीं किया गया तो कंपनियों पर दूरसंचार अधिनियम 2023, दूरसंचार साइबर सुरक्षा नियम 2024 सहित अन्य कानूनों के तहत कार्रवाई की जाएगी।

दूसरा बड़ा आदेश: वाट्सएप, सिग्नल पर भी सख्ती

इस आदेश के कुछ दिनों पहले ही सरकार ने वाट्सएप, सिग्नल, टेलीग्राम जैसी एप-आधारित सेवाओं पर भी नए नियम लागू किए थे।

नए नियम क्या कहते हैं?

इन एप्स को उपयोगकर्ता के एक्टिव सिम कार्ड से लगातार लिंक्ड रहना होगा। एप्स का वेब वर्जन हर 6 घंटे में ऑटो लॉगआउट होगा। दोबारा लॉग इन करने के लिए QR कोड स्कैन करके डिवाइस को फिर से लिंक करना होगा। इन कंपनियों को भी 120 दिनों में ऑडिट रिपोर्ट जमा करनी होगी।


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