US Politics: ममदानी की जीत ने फिर जिंदा कर दी वामपंथ बनाम दक्षिणपंथ की बहस; ओबामा बोले- रोशन दिख रहा भविष्य

वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, न्यूयॉर्क। Published by: निर्मल कांत Updated Wed, 05 Nov 2025 08:46 PM IST

जोहरन ममदानी की शानदार जीत ने अमेरिका की राजनीति में पुरानी वामपंथी और दक्षिणपंथी विचारधारा की बहस को फिर से जिंदा कर दिया है। इस जीत को कुछ लोग राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ जनादेश और लोकतांत्रिक समाजवादियों (डेमोक्रेटिक सोशलिस्ट) के उदय के रूप में देख रहे हैं। जबकि अन्य अन्य इसे मार्क्सवाद के बढ़ते प्रभाव के रूप में देख रहे हैं। 

भारतीय मूल के डेमोक्रेट ममदानी ने न्यूयॉर्क सिटी के मेयर पद के लिए कड़े मुकाबले में स्वतंत्र उम्मीदवार एंड्रयू कुओमो और रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार कार्टिस स्लिवा को हराया। कुओमो को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का समर्थन हासिल था। ममदानी के अलावा, उनकी पार्टी की सहयोगी मिकी शेरिल न्यू जर्सी की गवर्नर चुनी गईं, एबिगेल स्पैनबर्गर वर्जीनिया की गवर्नर बनीं, और भारत में जन्मी गजाला हाशमी उनकी डिप्टी के रूप में चुनी गईं।अमेरिका के पहले अश्वेत राष्ट्रपति रहे बराक ओबामा ने कहा, यह याद दिलाता है कि जब हम उन नेताओं के इर्द-गिर्द एकजुट होते हैं जो अहम मुद्दों की परवाह करते हैं, तो हम जीत सकते हैं। हमारे पास अभी बहुत काम बाकी है, लेकिन भविष्य थोड़ा रोशन दिख रहा है। हालांकि, इस जीत ने डेमोक्रेट्स के अंदरूनी मतभेद को भी उजागर किया है। विशेषज्ञों के मुताबिक, कुछ लोग ममदानी को पार्टी का भविष्य मानते हैं, जबकि अन्य उसे पार्टी के अंदर डेमोक्रेटिक सोशलिस्ट के बढ़ते प्रभाव के रूप में देखते हैं।
ब्रिटिश अखबार गार्डियन ने लिखा कि ममदानी और कुओमो डेमोक्रेटिक पार्टी के दो अलग-अलग विचारधारा वाले गुटों का प्रतिनिधित्व करते हैं। पार्टी की लोकप्रियता देशभर में घट रही है। एक पक्ष लोगों को नीरस और निराशाजनक लगता है, जबकि दूसरा पक्ष लोगों को ज्यादा ऊर्जावान, महत्वाकांक्षी और उम्मीद जगाने वाला दिखता है। न्यूयॉर्क वासियों ने संकेत दिया कि अमेरिका के लिए किस दृष्टिकोण पर भरोसा करना चाहिए।
अंतरराष्ट्रीय मामलों के विशेषज्ञ सी राजा मोहन ने इंडियन एक्सप्रेस में लिखा, ममदानी डेमोक्रेटिक सोशलिस्ट ऑफ अमेरिका (डीएसए) से हैं, जिसे 1982 में कई प्रगतिशील आंदोलनों के विलय के बाद से स्थापित किया गया था और यह अब अमेरिका का सबसे बड़ा सोशलिस्ट संगठन बन गया है। ममदानी अमेरिकी राजनीति में चल रहे वैचारिक संघर्ष के प्रतीक बन गए हैं।
ममदानी की जीत के बाद अमेरिकी मीडिया में भी बहस शुरू हो गई। कुछ मीडिया संस्थानों ने इसे एक नए प्रगतिशील और सोशलिस्ट डेमोक्रेटिक राजनीति का उदय बताया। वाशिंगटन पोस्ट, न्यूयॉर्क टाइम्स और वॉल स्ट्रीट जर्नल ने ममदानी की जीत को डेमोक्रेटिक सोशलिस्ट की कामयाबी बताया। ममदानी एक जनवरी से न्यूयॉर्क के मेयर का कार्यभार संभालेंगे और वह शहर के इतिहास में पहले मुस्लिम, पहले भारतीय मूल के, अफ्रीका में जन्मे और पिछले सदी में सबसे युवा (34 वर्षीय) मेयर होंगे। ममदानी न्यूयॉर्क सिटी और अमेरिका में डेमोक्रेटिक सोशलिस्ट नेतृत्व के साथ नए राजनीतिक और वैचारिक युग की शुरुआत का प्रतीक बन गए हैं।
ममदानी प्रसिद्ध फिल्मकार मीरा नायर और भारतीय मूल के कोलंबिया विश्वविद्यालय के प्रोफेसर महमूद ममदानी के बेटे हैं। उनका जन्म और पालन-पोषण युगांडा के कंपाला में हुआ और सात साल की उम्र में वे अपने परिवार के साथ न्यूयॉर्क सिटी आए। ममदानी 2018 में अमेरिकी नागरिक बने।

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