कैबिनेट बैठक में लिया फैसला, छह विज्ञान केन्द्र स्थापित करने की मंजूरी
भोपाल। सरकार ने प्रदेश के प्रशासनिक ढांचे में बड़ा सुधार करते हुए राज्य शासन के स्थायी और अस्थायी पदों के बीच लंबे समय से चला आ रहा अंतर समाप्त करने का फैसला लिया है। वहीं कृषि विज्ञान केंद्रों की तर्ज पर 48 करोड़ रुपये की लागत से छह वन विज्ञान केंद्र स्थापित करने को भी मंजूरी मिली।
स्रकार ने यह फैसला आज कैबिनेट बैठक में लिया। बैठक के बाद उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि राज्य शासन के विभिन्न विभागों में स्वीकृत स्थायी और अस्थायी पदों के विभेदीकरण को समाप्त करने के लिए स्वीकृति प्रदान की गई है। वर्तमान स्वीकृत अस्थायी पदों को स्थायी पदों में परिवर्तित करने के लिए सेवा भर्ती नियम में आवश्यक प्रावधान करने की स्वीकृति दी गई। कार्यभारित और आकस्मिक स्थापना के सभी पदों को सांख्येतर घोषित कर इन पदों पर नवीन नियुक्ति न करने की भी अनुमति दी गई। उन्होंने बताया कि अब पदों के 10 वर्गीकरण के स्थान पर केवल 5 श्रेणियां रहेंगी। साथ ही कार्यभारित और आकस्मिक स्थापना के पदों को सांख्येतर घोषित कर, इन पर नई नियुक्तियां नहीं करने का फैसला किया गया।
अपर नर्मदा, राघवपुर और बसानिया परियोजनाओं के लिए विशेष पैकेज
बैठक में अनूपपुर, मंडला और डिंडोरी जिलों में अपर नर्मदा परियोजना, राघवपुर बहुउद्देशीय परियोजना और बसानिया बहुउद्देशीय परियोजना के डूब प्रभावितों के लिए 1,782 करोड़ रुपये का विशेष पैकेज स्वीकृत किया गया। परियोजनाओं के डूब प्रभावितों के लिए डीपीआर में प्रावधानित 1656 करोड़ 2 लाख रुपये के अतिरिक्त 1,782 करोड़ रुपये का विशेष पैकेज स्वीकृत किया गया है।
मुख्यमंत्री ग्राम सड़क एवं अवसंरचना योजना के कार्यों को अनुमति
वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए मुख्यमंत्री ग्राम सड़क एवं अवसंरचना योजना में विभाग में 10 लाख या उससे अधिक लागत राशि के कार्य स्वीकृत किए जाने की अनुमति प्रदान की गई। स्वीकृति अनुसार 693 करोड़ 76 लाख रूपये की लागत के लगभग 3810 कार्य पूर्ण किए जा सकेंगे।
मेट्रो रेल परियोजना के लिए राशि स्वीकृत
भोपाल एवं इंदौर मेट्रो रेल परियोजना के संचालन और रखरखाव के लिए वर्ष 2025-26 के लिए राजस्व मद में 90 करोड़ 67 लाख रुपये के बजट की स्वीकृति प्रदान की गई।
वन विज्ञान केंद्र की स्थापना के लिए राशि स्वीकृति
वित्तीय वर्ष 2025-26 से 2029-30 तक राज्य में 6 वन विज्ञान केंद्र की स्थापना के लिए 48 करोड़ रूपये की स्वीकृति प्रदान की गई। स्वीकृति अनुसार प्रदेश में वन क्षेत्र के बाहर वानिकी विस्तार गतिविधियों को बढ़ाने, वन भूमि की उत्पादकता बढ़ाने, काष्ठ के विदोहन से अतिरिक्त आय के साधन के लिए जागरूकता बढ़ाने, वृक्ष खेती को बढ़ावा देने और कृषि वानिकी को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से वन विज्ञान केंद्र की स्थापना की जा रही है। अशासकीय संस्था द्वारा भी वन विज्ञान केंद्र की स्थापना, वन विभाग की अनुमति से की जा सकेगी।
मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना को निरंतर रखने की स्वीकृति
मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना को वर्ष 2026-27 से वर्ष 2030-31 तक निरंतर रखे जाने और योजना के तहत 905 करोड़ 25 लाख रुपये के व्यय की स्वीकृति प्रदान की गई। उल्लेखनीय है कि योजना के तहत प्रदेश के 18-45 वर्ष के स्थानीय युवाओं को स्वरोजगार के लिए 50 हज़ार से 50 लाख रूपये तक का ऋण बैंक द्वारा स्वीकृत किया जाता है। शासन द्वारा 3 प्रतिशत प्रतिवर्ष ब्याज अनुदान और 7 वर्ष तक ऋण गारंटी फीस अनुदान दिया जाता है।