पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने शनिवार को बड़ा दावा करते हुए कहा कि पूर्व आईएसआई प्रमुख फैज हमीद ही वर्ष 2017 में पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को सत्ता से हटाने के जिम्मेदार थे। उन्होंने आरोप लगाया कि यह पूरी प्रक्रिया एक सुनियोजित साजिश थी, जिसे फैज हमीद की निगरानी में अंजाम दिया गया। सियालकोट में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए ख्वाजा आसिफ ने कहा कि फैज हमीद को 15 महीने तक चले सैन्य ट्रायल के बाद 14 साल की जेल की सजा सुनाई गई है और उनके खिलाफ अभी और भी मामलों में कानूनी कार्रवाई शुरू होनी बाकी है। एक स्थानीय अखबार के मुताबिक, रक्षा मंत्री ने कहा कि फैज हमीद के कृत्यों से देश को भारी नुकसान हुआ।
आसिफ ने कहा कि नवाज शरीफ को सत्ता से हटाना, उनके खिलाफ मामले दर्ज करना, आरोप लगाना और फिर इमरान खान को सत्ता में लाना, यह सब 'प्रोजेक्ट इमरान' का हिस्सा था, जिसे फैज हमीद चला रहे थे। उनके अनुसार, इस पूरे प्रोजेक्ट की निगरानी फैज हमीद कर रहे थे। नवाज शरीफ, जो पाकिस्तान के तीन बार प्रधानमंत्री रह चुके हैं, जुलाई 2017 में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद पद से हटाए गए थे। यह उनके राजनीतिक करियर के लिए बड़ा झटका था। नवाज शरीफ पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के प्रमुख रहे हैं। फिलहाल उनके छोटे भाई शहबाज शरीफ देश के प्रधानमंत्री हैं और बेटी मरियम नवाज पंजाब प्रांत की मुख्यमंत्री हैं।
'फैज हमीद और इमरान खान ने देश को नुकसान पहुंचाया'
रक्षा मंत्री ने आरोप लगाया कि फैज हमीद और उनके 'साझेदार' इमरान खान ने मिलकर देश को गंभीर नुकसान पहुंचाया। इमरान खान अगस्त 2023 से रावलपिंडी की अदियाला जेल में बंद हैं और उन पर कई मामले चल रहे हैं। आसिफ ने कहा कि 2018 के आम चुनावों में इमरान खान की जीत भी 'प्रोजेक्ट इमरान' का हिस्सा थी। उन्होंने आरोप लगाया कि फैज हमीद उस सरकार का सबसे अहम चेहरा थे और उन्होंने राजनीतिक विरोधियों को धमकाने और जेल भेजने में अहम भूमिका निभाई। उनके अनुसार, इस पूरे दौर का सबसे बड़ा लाभ इमरान खान को मिला। रक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि फैज हमीद के कार्यकाल में संसद तक को निर्देश दिए जाते थे और देश के भविष्य से जुड़े फैसले प्रधानमंत्री आवास के पिछवाड़े में किए जाते थे। उन्होंने दावा किया कि फैज हमीद के तबादले के बाद उनका यह प्रोजेक्ट धीरे-धीरे बिखरने लगा।
भारत के साथ सैन्य टकराव पर ख्वाजा आसिफ का दावा
रक्षा मंत्री ने एक विवादास्पद बयान में कहा कि अगर फैज-इमरान गठजोड़ अब भी मौजूद होता, तो शायद भारत के साथ सैन्य टकराव की जरूरत भी नहीं पड़ती, क्योंकि वे देश को भीतर से ही तबाह कर देते। गौरतलब है कि भारत ने 7 मई को पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकी ठिकानों पर 'ऑपरेशन सिंदूर' चलाया था। इसके बाद चार दिन तक दोनों देशों के बीच तीखी झड़पें हुईं, जो 10 मई को सैन्य कार्रवाई रोकने की सहमति के साथ खत्म हुईं।