नेटवर्क और दस्तावेजी गड़बड़ी बनी वजह
भोपाल। प्रदेश में राष्ट्रीय साधन-सह-योग्यता छात्रवृत्ति (एनएमएमएस) योजना के बड़ी संख्या में मामले अब तक लंबित हैं। दूरदराज के क्षेत्रों में मोबाइल नेटवर्क की कमी और दस्तावेजी त्रुटियां इसके प्रमुख कारण माने जा रहे हैं। कई छात्र मोबाइल नेटवर्क न होने से समय पर ऑनलाइन पंजीकरण नहीं कर पाते, वहीं कुछ छात्र बिना जानकारी दिए स्कूल बदल लेते हैं, जिससे उनका आवेदन अधूरा रह जाता है।
एनएमएमएस योजना के तहत कक्षा 9 से 12 तक के चयनित सरकारी स्कूलों के छात्रों को हर वर्ष 12 हजार रुपये की छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है। एनएमएमएस कार्यालय के अनुसार, वर्ष 2018 से अब तक राज्य में 2,000 से 2,500 मामलों का निपटान नहीं हो सका है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि कई आवेदनों में छात्रों के आधार और बैंक खातों के नाम में विसंगतियां हैं, जबकि कुछ मामलों में आधार बैंक खाते से लिंक नहीं है। एनएमएमएस कार्यालय पात्र छात्रों का पता लगाकर उनके लंबित आवेदन निपटाने की दिशा में काम कर रहा है। संबंधित छात्रों को जिला स्तरीय सहायता केंद्रों पर ले जाकर आवश्यक सुधार कराए जा रहे हैं।
वहीं स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि छात्रों का पता लगाने और उन्हें योजना का लाभ दिलाने के लिए विभाग के पास वर्ष में छह महीने का समय होता है। विभाग का प्रयास है कि आगामी सत्र से सभी पात्र छात्रों को समय पर छात्रवृत्ति मिल सके।