जम्मू-कश्मीर में शुक्रवार को हुए राज्यसभा चुनावों में नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) ने जलवा बिखेरा। पार्टी ने चार सीटों में से तीन पर जीत दर्ज की। वहीं, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सत शर्मा भी विजयी रहे। नेशनल कॉन्फ्रेंस के चौधरी रमजान, सज्जाद किचलू और शम्मी ओबरॉय ने आसानी से जीत हासिल की जबकि चौथी सीट भाजपा के सत शर्मा के खाते में गई। शर्मा ने कड़े मुकाबले में एनसी के इमरान नबी डार को हराया। सुबह कड़ी सुरक्षा के बीच जम्मू-कश्मीर विधानसभा परिसर में मतदान हुआ और देर शाम मतगणना के साथ संपन्न हुआ
नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रभावशाली प्रदर्शन में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) और अवामी इत्तेहाद पार्टी (एआईपी) के रणनीतिक समर्थन का भी योगदान रहा। दोनों ने पहले ही भाजपा को बाहर रखने के लिए नेशनल कॉन्फ्रेंस के पक्ष में मतदान करने की घोषणा कर दी थी। एआईपी विधायक शेख खुर्शीद का नेशनल कॉन्फ्रेंस गुट का समर्थन करने का फैसला भी अहम साबित हुआ।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने पुष्टि की कि सभी 86 विधायकों ने व्यक्तिगत रूप से मतदान किया, जबकि जेल में बंद डोडा विधायक मेहराज मलिक ने डाक मतपत्र के माध्यम से अपना वोट डाला। निर्दलीय और छोटे दलों के विधायकों ने भी अंकगणित को आकार देने में भूमिका निभाई, जिससे यह हाल के वर्षों में सबसे अधिक देखे जाने वाले राज्यसभा चुनावों में से एक बन गया।
जीत का जश्न मनाते हुए नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि यह परिणाम क्षेत्रीय एकता और जनता के विश्वास की पुष्टि है। उन्होंने कहा, उनके विधायकों ने एक स्पष्ट संदेश दिया है कि जम्मू और कश्मीर की आवाज संसद में जोरदार तरीके से सुनी जाएगी। हम इस महत्वपूर्ण लड़ाई में हमारे साथ खड़े होने के लिए अपने सहयोगियों का धन्यवाद करते हैं।
पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने एनसी को बधाई दी। उन्होंने कहा कि ये नतीजे जम्मू-कश्मीर के हितों की रक्षा के लिए क्षेत्रीय ताकतों के एकजुट रुख को दर्शाते हैं। उन्होंने आगे कहा कि एनसी उम्मीदवारों का समर्थन करने का पार्टी का फैसला संसद में जनता के मुद्दों की रक्षा के व्यापक हित में लिया गया है।
गौरतलब है कि नवनिर्वाचित सदस्यों के अगले संसदीय सत्र के दौरान शपथ लेने की उम्मीद है, जो जम्मू-कश्मीर की राजनीतिक बहाली के बाद से क्षेत्रीय दलों और भाजपा के बीच विधायी शक्ति का पहला बड़ा परीक्षण होगा।