मध्य प्रदेश के पूर्व गृहमंत्री और विधायक बाला बच्चन ने सरकार के दो वर्षों के कार्यकाल को लेकर तीखा हमला बोला है। पीसीसी में शनिवार को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति लगातार बिगड़ी है और प्रशासनिक अक्षमता साफ नजर आ रही है। बाला बच्चन ने इसे विकास नहीं, बल्कि अराजकता और अपराध का डबल इंजन करार दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार का विकास और सेवा का दावा केवल प्रचार तक सीमित है, जबकि जमीनी स्तर पर आम नागरिक, महिलाएं और पुलिसकर्मी खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। उनका कहना है कि बीते दो वर्षों में प्रदेश पर कर्ज का बोझ बढ़ा है और हर नागरिक पर औसतन 50 हजार का कर्ज आ गया है।
पुलिस व्यवस्था पर सवाल
बाला बच्चन ने कहा कि गृह विभाग के तहत पुलिस पर नियंत्रण कमजोर पड़ा है। हिरासत में मौतों के मामलों में बढ़ोतरी, पुलिसकर्मियों पर दर्ज आपराधिक प्रकरण और थानों तक का जेल जाना, यह दर्शाता है कि अनुशासन और जवाबदेही खत्म हो चुकी है। उन्होंने पुलिसकर्मियों पर बढ़ते हमलों और हाल की हिंसक घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि इससे पुलिस का मनोबल टूट रहा है।
महिला सुरक्षा पर गंभीर आरोप
पूर्व गृहमंत्री ने कहा कि सरकार जहां ‘लाड़ली बहना’ जैसी योजनाओं पर भारी बजट खर्च कर रही है, वहीं महिला सुरक्षा के मोर्चे पर हालात चिंताजनक हैं। उन्होंने दुष्कर्म, लापता महिलाओं और बालिकाओं के आंकड़े गिनाते हुए कहा कि मध्य प्रदेश महिला अपराधों के मामलों में देश के शीर्ष राज्यों में बना हुआ है। न्यायिक प्रक्रिया में देरी और लंबित मामलों को भी उन्होंने सरकार की विफलता बताया।
संगठित अपराध और संरक्षण का आरोप
बाला बच्चन ने ड्रग्स तस्करी, साइबर अपराध और कथित राजनीतिक संरक्षण का मुद्दा उठाते हुए कहा कि इससे राज्य की छवि खराब हुई है। उन्होंने राजधानी भोपाल और अन्य क्षेत्रों में सामने आए मामलों का हवाला देते हुए कहा कि संगठित अपराध सत्ता के संरक्षण में फल-फूल रहा है। उन्होंने उद्योग, रोजगार और अधोसंरचना को लेकर भी सरकार पर सवाल उठाए। बेरोजगारी के आंकड़ों का जिक्र करते हुए कहा कि निवेश प्रस्तावों के दावे जमीन पर नहीं उतर पा रहे हैं। भोपाल और इंदौर मेट्रो परियोजनाओं में देरी को उन्होंने प्रशासनिक असफलता बताया।
कांग्रेस की मांगें
बाला बच्चन ने मुख्यमंत्री से गृह मंत्री पद से इस्तीफे की मांग की। साथ ही, ड्रग्स तस्करी से जुड़े मामलों की न्यायिक जांच, पुलिस बर्बरता के मामलों की समयबद्ध जांच और लापता महिलाओं-बालिकाओं के लिए विशेष टास्क फोर्स गठित करने की मांग रखी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस जनता की सुरक्षा और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए यह मुद्दे लगातार उठाती रहेगी।