वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, ब्रसेल्स Published by:
शिव शुक्ला Updated Thu, 02 Oct 2025 09:11 PM IST
भारत ने हाल ही में सेमीकंडक्टर निर्माण में बड़ा कदम बढ़ाया है। पिछले महीने पीएम मोदी को देश में बनी पहली चिप सौंपी गई। दिसंबर 2021 में मोदी सरकार ने 76,000 करोड़ रुपये के निवेश के साथ इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन की शुरुआत की थी।
नीदरलैंड की दिग्गज सेमीकंडक्टर कंपनी एएसएमएल के वरिष्ठ अधिकारी फ्रैंक हेम्सकर्क ने यूरोपीय संघ (ईयू) की नीतियों पर सवाल उठाए। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ दो घंटे की मुलाकात को याद करते हुए हेम्सकर्क ने कहा कि यूरोपीय कंपनियों को ईयू के नेताओं से मिलना बेहद कठिन होता है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी और व्हाइट हाउस के अधिकारियों के साथ बैठक करना आसान है, लेकिन यूरोपीय नेताओं से नहीं।
ब्रसेल्स में आयोजित पोलिटिको के प्रतिस्पर्धी यूरोप शिखर सम्मेलन में हेम्सकर्क ने कहा, कंपनी के सीईओ क्रिस्टोफ फौक्वेट की प्रधानमंत्री मोदी से घंटे तक मुलाकात हुई। डेढ़ घंटे तक हमारी बातें सुनने के बाद पीएम मोदी ने कहा कि आप बहुत विनम्र हो, बताइए हम क्या बेहतर कर सकते हैं। एएसएमएल में ग्लोबल पब्लिक अफेयर्स के कार्यकारी उपाध्यक्ष हेम्सकर्क ने कहा, व्हाइट हाउस में किसी वरिष्ठ अधिकारी से मिलना हो, वो ज्यादा आसान है, लेकिन इसके उलट यूरोपीय संघ की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन और दूसरे नेताओं से मिलना बेहद कठिन है। यूरोपीय नेताओं को उन कंपनियों के साथ बैठना चाहिए, जो बड़े पैमाने पर निवेश कर रही हैं। हेम्सकर्क ने हाल ही में फ्रांस की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) कंपनी मिस्ट्राल के साथ एएसएमएल की 1.3 अरब यूरो की डील का भी जिक्र किया, जिसे यूरोप की तकनीकी स्वतंत्रता की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है। हीम्सकर्क ने बताया कि दोनों कंपनियां औद्योगिक एआई पर केंद्रित हैं, न कि भू-राजनीति पर।
सेमीकंडक्टर क्षेत्र में भारत का बड़ा कदम
भारत ने हाल ही में सेमीकंडक्टर निर्माण में बड़ा कदम बढ़ाया है। पिछले महीने पीएम मोदी को देश में बनी पहली चिप सौंपी गई। दिसंबर 2021 में मोदी सरकार ने 76,000 करोड़ रुपये के निवेश के साथ इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन की शुरुआत की थी। इसका लक्ष्य भारत को वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स और चिप निर्माण का हब बनाना है।