MP News: दिग्विजय सिंह की पोस्ट पर सियासी हलचल, कांग्रेस की सफाई, संगठन प्रभारी बोले-तस्वीर केवल प्रतीकात्मक

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल Published by: संदीप तिवारी Updated Sun, 28 Dec 2025 02:01 PM IST

दिग्विजय सिंह द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पुरानी तस्वीर साझा करने से सियासी विवाद खड़ा हो गया। कांग्रेस ने सफाई देते हुए कहा कि तस्वीर केवल प्रतीकात्मक थी और इसका उद्देश्य संगठन की ताकत को दिखाना था, न कि किसी व्यक्ति या विचारधारा की प्रशंसा। प्रदेश संगठन प्रभारी डॉ. संजय कामले ने स्पष्ट किया कि न मोदी की तारीफ हुई है और न ही आरएसएस की।

MP News: Political stir over Digvijay Singh's post, Congress clarifies, organization in-charge says the pictur

पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह - फोटो : अमर उजा

विस्तार

 
मध्यप्रदेश में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की एक सोशल मीडिया पोस्ट के बाद सियासी हलचल तेज हो गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक पुरानी तस्वीर साझा किए जाने को लेकर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं सामने आईं, जिसके बाद कांग्रेस संगठन की ओर से स्थिति स्पष्ट की गई। प्रदेश कांग्रेस संगठन प्रभारी डॉ. संजय कामले ने कहा कि यह तस्वीर किसी व्यक्ति, विचारधारा या संगठन की प्रशंसा के उद्देश्य से साझा नहीं की गई थी। उनके अनुसार, तस्वीर केवल प्रतीकात्मक थी और यह बताने के लिए थी कि मजबूत संगठन किस तरह काम करता है, जहां एक सामान्य कार्यकर्ता को भी आगे बढ़ने का अवसर मिलता है। 
पोस्ट को गलत अर्थों में लिया जा रहा 
उन्होंने स्पष्ट किया कि न तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की गई है और न ही आरएसएस की। डॉ. कामले ने यह भी कहा कि इस पोस्ट को गलत अर्थों में लिया जा रहा है। संगठन की ताकत को दर्शाने के लिए प्रतीकों का उपयोग किया गया है, न कि किसी राजनीतिक विचारधारा के समर्थन के लिए                           यह थी दिग्विजय सिंह की पोस्ट 
दिग्विजय सिंह ने अपनी पोस्ट में लिखा था कि मुझे यह चित्र मिला। बहुत ही प्रभावशाली है। किस प्रकार आरएसएस का जमीनी स्वयंसेवक व जनसंघ-भाजपा का कार्यकर्ता नेताओं के चरणों में फर्श पर बैठकर प्रदेश का मुख्यमंत्री व देश का प्रधानमंत्री बना। यह संगठन की शक्ति है… जय सिया राम।” विवाद बढ़ने के बाद दिग्विजय सिंह ने सफाई देते हुए कहा कि उन्होंने किसी व्यक्ति या विचारधारा की प्रशंसा नहीं की है। उन्होंने दोहराया कि वे आरएसएस, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी नीतियों के कट्टर विरोधी हैं और उनका उद्देश्य केवल संगठनात्मक मजबूती को रेखांकित करना था। इस पूरे मामले के बाद प्रदेश की राजनीति में चर्चाओं का माहौल बना हुआ है। दिग्विजय सिंह की इस पोस्ट के बाद कांग्रेस और भाजपा दोनों खेमों में चर्चाओं का दौर जारी है और सियासी माहौल गर्माया हुआ है

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