MP News: अस्वीकृत का 'अ' हटाकर स्वीकृत किया और सहकारी बैंक से की 65 लाख रुपये की धोखाधड़ी, EOW ने FIR दर्ज की

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल Published by: आनंद पवार Updated Fri, 26 Dec 2025 07:59 PM IST

मध्य प्रदेश में सहकारी बैंक से जुड़ी एक बड़ी वित्तीय गड़बड़ी सामने आई है, जहां अस्वीकृत ऋण को कागजों में स्वीकृत दिखाकर लाखों रुपये की धोखाधड़ी की गई। मंडला जिला सहकारी बैंक और अल्प बचत साख समिति के अधिकारियों पर ईओडब्ल्यू ने मामला दर्ज किया है।

MP News: By removing the 'un' from 'unapproved', they changed the status to 'approved' and committed a fraud o

ईओडब्ल्यू - फोटो : अमर उजाला

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मध्य प्रदेश की एक सहकारी बैंक और अल्प बचत साख समिति के अस्वीकृत ऋण को कागजों में स्वीकृत कर धोखाधड़ी करने का मामला सामने आया है। मंडला जिला सहकारी बैंक और अल्प बचत साख समिति कुछ पदाधिकारियों के खिलाफ आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW), जबलपुर ने FIR दर्ज की है। यह मामला 1 जनवरी 2011 से 31 दिसंबर 2023 तक की अवधि में हुई वित्तीय अनियमितताओं से जुड़ा है। जांच में पाया गया कि जिला सहकारी केंद्रीय बैंक की ऋण उप समिति की बैठक में अस्वीकृत ऋण के दस्तावेजों में बदलाव कर उसे स्वीकृत किया गया। इस प्रक्रिया के दौरान लगभग 65 लाख रुपये की धोखाधड़ी की गई। इस मामले में FIR अपराध क्रमांक 168/2025 के तहत धारा 409, 420, 467, 468, 471, 120बी. भादंवि और 7 सी भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 2018 के तहत दर्ज की गई है और सभी आरोपियों के खिलाफ जांच शुरू कर दी गई है।  
ईओडब्ल्यू ने मामले में आरोपी नरेंद्र कोरी – तत्कालीन महाप्रबंधक, जिला सहकारी केंद्रीय बैंक, मंडला, एन.एल. यादव – तत्कालीन स्थापना प्रभारी, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक, मंडला, अतुल दुबे – तत्कालीन लेखापाल व पंजी फील्ड कक्ष प्रभारी, जिला सहकारी बैंक, मंडला और शशि चौधरी – प्रबंधक, अल्प बचत साख सहकारी समिति, मंडला को बनाया है। जांच में यह भी सामने आया कि तत्कालीन महाप्रबंधक नरेंद्र कोरी ने 8 नवंबर 2011 की बैठक के तीन दिन बाद 65 लाख रुपये का अल्प अकृषि ऋण अपने हस्ताक्षर से स्वीकृत किया और राशि का वितरण किया। इसके अलावा, वर्तमान प्रबंधक शशि चौधरी के कार्यकाल में समिति के गैर सदस्यों से 26.68 लाख रुपये की राशि अवैध रूप से प्राप्त की गई।

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