भोपाल। वन्यजीव संरक्षण की दिशा में शनिवार को शिवपुरी के माधव टाइगर रिज़र्व ने एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की। बांधवगढ़ टाइगर रिज़र्व से लाई गई एक बाघिन को सफलतापूर्वक खुले जंगल में छोड़ दिया गया है। बाघिन के बाड़े से निकलते ही जंगल की ओर दौड़ लगाने का एक वीडियो सामने आया है, जो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
वन विभाग के आला अधिकारियों की मौजूदगी में सभी अनिवार्य सुरक्षा और स्वास्थ्य जांचें पूरी करने के बाद बाघिन को रिज़र्व के सेंट्रल ज़ोन में मुक्त किया गया। अधिकारियों ने बताया कि बाघिन को छोड़ने से पहले उसकी उचित निगरानी सुनिश्चित की गई थी ताकि वह नए वातावरण में खुद को ढाल सके। टाइगर रिज़र्व का दर्जा मिलने और बाघों की बढ़ती संख्या ने शिवपुरी के पर्यटन मानचित्र को बदल दिया है। यहाँ पर्यटकों की आमद लगातार बढ़ रही है, जिससे न केवल पर्यटन बल्कि स्थानीय व्यावसायिक गतिविधियों और रोजगार को भी भारी बढ़ावा मिल रहा है।
अब रिज़र्व में हैं बाघों की संख्या हुई आठ
इस नई बाघिन के आने के बाद माधव टाइगर रिज़र्व में बाघों की कुल संख्या बढ़कर 8 हो गई है। वर्तमान में यहां मादा बाघ की संख्या 4, नर बाघ की संख्या 2 और शावक की संख्या 2 हो गई है। वन विशेषज्ञों का मानना है कि बाघों की बढ़ती यह आबादी क्षेत्र के पारिस्थितिकी तंत्र और वन्यजीव संरक्षण के लिए एक बेहद सकारात्मक संकेत है।
27 साल बाद बदला परिदृश्य
गौरतलब है कि माधव नेशनल पार्क में करीब 27 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद 10 मार्च, 2023 को बाघों के पुनर्वास की परियोजना शुरू हुई थी। उस समय केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक नर और एक मादा बाघ को छोड़कर इस मिशन की शुरुआत की थी। इसके बाद ही इसे टाइगर रिज़र्व का दर्जा मिला। 10 मार्च 2025 को मुख्यमंत्री डा मोहन यादव ने एक और बाघिन को यहां छोड़ा था, जिसके बाद अप्रैल में तांडव नाम के नर बाघ को भी यहां लाया गया।