केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से अपील की है कि वे देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू से जुड़े पत्र और दस्तावेज प्रधानमंत्री संग्रहालय एवं पुस्तकालय (पीएमएमएल) को वापस लौटाएं। उन्होंने कहा कि ये दस्तावेज किसी एक परिवार या व्यक्ति की नहीं, बल्कि पूरे देश की विरासत हैं। पीटीआई को दिए एक साक्षात्कार में मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री संग्रहालय एवं पुस्तकालय की स्थापना नेहरू जी के निधन के बाद हुई थी। पहले इसे नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी (एनएमएमएल) कहा जाता था, जिसे 2023 में बदलकर पीएमएमएल कर दिया गया। इस संग्रहालय में सभी प्रधानमंत्रियों से जुड़े दस्तावेज सुरक्षित रखे जाते हैं 'पीएमएमएल में कुल करीब 2.5 करोड़ दस्तावेज'
उन्होंने कहा कि 1970 से 1990 के बीच नेहरू जी से जुड़े गैर-सरकारी दस्तावेज, निजी पत्र, उन्हें मिले जवाब और उनकी निजी टिप्पणियां संग्रहालय में सुरक्षित रखी गई थीं। पीएमएमएल में कुल करीब 2.5 करोड़ दस्तावेज हैं, जिनमें से लगभग 4 लाख दस्तावेज केवल पंडित नेहरू से जुड़े हैं। 'पूर्व पीएम से जुड़े दस्तावेज किसी व्यक्ति की निजी संपत्ति नहीं'
उन्होंने कहा कि 29 अप्रैल 2008 को सोनिया गांधी के निर्देश पर उनके प्रतिनिधि एम. वी. राजन ने पत्र लिखकर नेहरू जी के निजी पारिवारिक पत्र और नोट्स वापस मांगे थे। इसके बाद संग्रहालय से करीब 57 कार्टन, जिनमें लगभग 26000 दस्तावेज थे, परिवार को लौटा दिए गए। मंत्री ने कहा, 'हमने इन दस्तावेजों को वापस लौटाने का अनुरोध किया है। सोनिया गांधी ने कहा है कि वह इस पर विचार करेंगी। ये दस्तावेज किसी व्यक्ति की निजी संपत्ति नहीं हो सकते।' डिजिटलीकरण और पांडुलिपियों का संरक्षण
मंत्री ने बताया कि संस्कृति मंत्रालय ने राष्ट्रीय अभिलेखागार में बड़े पैमाने पर डिजिटलीकरण अभियान शुरू किया है। लाखों फाइलों को डिजिटल रूप में सुरक्षित किया गया है, जो दुनिया की सबसे बड़ी डिजिटलीकरण परियोजनाओं में से एक है। उन्होंने कहा कि देश में लाखों प्राचीन पांडुलिपियां हैं, कुछ ताड़ के पत्तों, पेड़ की छाल, रेशम और हस्तलिखित कागज पर लिखी गई हैं। इन्हें संरक्षित करना बेहद जरूरी है। इसी उद्देश्य से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'ज्ञान भारतम् मिशन' शुरू किया, जिसके तहत इन पांडुलिपियों को डिजिटाइज कर एक पोर्टल पर उपलब्ध कराया जा रहा है।
अरावली विवाद पर कांग्रेस पर निशाना
अरावली पहाड़ियों के मुद्दे पर शेखावत ने कहा कि यह कांग्रेस द्वारा बेवजह मुद्दा खड़ा करने का उदाहरण है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के बयान को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया, लेकिन जैसे ही स्पष्टीकरण आया, मामला साफ हो गया।
मनरेगा की जगह नए कानून का बचाव
ग्रामीण रोजगार से जुड़े नए कानून वीबी-जी राम जी अधिनियम पर बोलते हुए शेखावत ने कहा कि समय के साथ नीतियों में बदलाव जरूरी है। उन्होंने कहा, '2005 का भारत और आज का भारत एक जैसा नहीं है। बीते 11 वर्षों में प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में बड़े फैसले लिए गए हैं और करीब 30 करोड़ लोग गरीबी से बाहर निकले हैं।' उन्होंने यह भी कहा कि जो योजनाएं भ्रष्टाचार की शिकार हो रही थीं, उनमें सुधार जरूरी था ताकि वे ज्यादा प्रभावी बन सकें।
आने वाले वर्ष की प्राथमिकताओं पर शेखावत ने कहा कि सरकार का मुख्य लक्ष्य पर्यटन को बढ़ावा देना है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी के विजन के तहत 50 विश्वस्तरीय पर्यटन स्थल विकसित किए जाएंगे। साथ ही, उत्तर और दक्षिण ब्लॉक में बनने वाला 'युगे युगेन भारत', दुनिया का सबसे बड़ा संग्रहालय होगा। उन्होंने कहा कि विरासत संरक्षण सरकार के 'विकसित भारत' के सपने का केंद्र है, जहां अतीत की जड़ें मजबूत हों और भविष्य की दिशा साफ।