देवास-जबलपुर अटके, खजुराहो पर नजर’’
भोपाल। प्रदेश में फिल्मों और वेब सीरीज़ की शूटिंग में लगातार इजाफा हो रहा है, लेकिन इसके बावजूद फिल्म सिटी बनाने का सपना अब तक साकार नहीं हो पाया है। पर्यटन विभाग द्वारा फिल्म सिटी के लिए चिन्हित की गई दो प्रमुख ज़मीनें देवास और जबलपुर वन विभाग से जुड़ी अड़चनों में फंस गई हैं।
देवास में प्रस्तावित फिल्म सिटी प्रोजेक्ट को जंगल से संबंधित समस्याओं के चलते रद्द किए जाने की संभावना है। चिन्हित भूमि के बीच बड़ी संख्या में पेड़ होने के कारण प्रक्रिया में लगातार देरी हो रही है, जिससे अब यह ज़मीन वापस किए जाने की तैयारी है। लगभग यही स्थिति जबलपुर के प्रोजेक्ट में भी सामने आई है। इस बीच पर्यटन विभाग अब तक गंभीर निवेशकों को आकर्षित करने में सफल नहीं हो सका है। शुरुआती दौर में दो-तीन निवेशकों ने रुचि दिखाई थी, लेकिन वे न तो संतोषजनक डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट प्रस्तुत कर पाए और न ही पर्याप्त वित्तीय समर्थन का प्रमाण दे सके। दक्षिण भारत के एक फिल्म निर्माता ने भी विभाग से संपर्क किया था, लेकिन बातचीत आगे नहीं बढ़ सकी।
विशेषज्ञों के अनुसार यदि प्रदेश में फिल्म सिटी का निर्माण होता है तो ऐसी फिल्मों और सीरीज़ की शूटिंग संभव हो सकेगी, जो वास्तविक लोकेशन पर शूट नहीं की जा सकतीं। हालांकि अब तक अंतरराष्ट्रीय फिल्म निर्माता प्रदेश की ओर आकर्षित नहीं हुए हैं। घरेलू फिल्मों की शूटिंग तो होती रहती है, लेकिन बड़े बजट की अंतरराष्ट्रीय परियोजनाएं अक्सर राजस्थान को प्राथमिकता देती हैं।
खजुराहो में नई उम्मीद
फिल्म सिटी प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने के लिए पर्यटन विभाग एक बार फिर टेंडर जारी करने की योजना बना रहा है। इस बार खजुराहो में लगभग 70 हेक्टेयर (करीब 175 एकड़) भूमि चिन्हित की गई है, जहां निवेशक फिल्म सिटी के साथ-साथ वेलनेस सेंटर या गोल्फ सेंटर जैसे प्रोजेक्ट भी विकसित कर सकते हैं। उल्लेखनीय है कि अब तक प्रदेश में 400 से अधिक फिल्मों और वेब सीरीज़ की शूटिंग हो चुकी है, जिससे यह साफ है कि संभावनाएं मौजूद हैं, ज़रूरत है तो सिर्फ ठोस योजना और निवेश की।