भोपाल। समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डा मनोज यादव ने कहा कि कानून व्यवस्था को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि कानून व्यवस्था चरमरा गई है। उन्होंने इसे प्रशासनिक ईमानदारी और राजनीतिक नैतिकता पर गंभीर प्रश्नचिह्न बताया है। यादव ने कहा कि एक तरफ सरकार कैबिनेट मीटिंग का चमकदार आयोजन कर रही थी और उसी इलाके में चार गरीब कर्मचारी खाने के जहर से मर गए। ये घटना बताती हैं कि मध्यप्रदेश में स्वास्थ्य सुरक्षा और कानून व्यवस्था दोनों ही भगवान भरोसे हैं।
खजुराहो रिसॉर्ट में हुई मौतें पर सपा प्रदेश अध्यक्ष ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि यह लापरवाही नहीं, प्रशासनिक अपराध है। जब पूरी सरकार खजुराहो में थी, तब उसके सामने चार कर्मचारियों की जान चली गई। क्या यह संयोग है या प्रशासनिक फेल्योर? फूड सैंपल, मेडिकल रिपोर्ट और राहत प्रक्रिया पर सरकार चुप क्यों है? क्या खाद्य सुरक्षा विभाग, स्थानीय प्रशासन और पर्यटन विभाग की जिम्मेदारी तय होगी? रिसॉर्ट संचालकों और जिम्मेदार अधिकारियों पर थ्प्त् कब होगी? उन्होंने कहा कि सरकार यह बताए कि कैबिनेट की मेजबानी में हो रहा आयोजन क्या इतना महत्वपूर्ण था कि उसी जिले में मरते कर्मचारियों की चीखें भी सुनाई नहीं दीं? उन्होंने कहा कि हमारी मांग है कि खजुराहो फूड-पॉइजनिंग कांड की न्यायिक जांच हो। मृतकों के परिवारों को उचित मुआवजा और होटल संचालकों पर एफआईआर की जाए। मंत्री परिवार के नशा तस्करी नेटवर्क की स्वतंत्र व सार्वजनिक जांच हो।
सतना में राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी के रिश्तेदारों के गांजा तस्करी में पकड़े जाने को लेकर उन्होंने कहा कि प्रदेश में ड्रग-नेटवर्क नहीं, अब भाजपा रिश्तेदार नेटवर्क सक्रिय है। अपराधी नहीं पकड़े जाते, भाजपा नेताओं के रिश्तेदार पकड़े जा रहे हैं। क्या यही है बीजेपी का परिवारवाद?