मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (MPPCB) से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, दीपावली की रात पटाखों के विस्फोट से निकलने वाले सूक्ष्म कण में भारी वृद्धि देखी गई। इसके साथ ही रात के समय तापमान में गिरावट और वायु गति कम होने से ये प्रदूषक हवा में जमे रह गए और AQI कई घंटों तक बहुत खराब और गंभीर श्रेणी में बना रहा।
प्रमुख शहरों की स्थिति (दीपावली रात के AQI आंकड़े)
शहर AQI स्तर (लगभग)
ग्वालियर 410
इंदौर 370
सागर 341
भोपाल 329
उज्जैन 320
जबलपुर 349
स्वास्थ्य पर पड़ता है गहरा असर
विशेषज्ञों के अनुसार, जब AQI 300 के पार पहुंचता है, तो वह बहुत खराब श्रेणी में आता है। ऐसे में हवा में मौजूद सूक्ष्म कण फेफड़ों तक पहुंचते हैं, जिससे अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और अन्य श्वास संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।खासकर बच्चों, बुजुर्गों और सांस के रोगियों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। र्यावरण विशेषज्ञ कहते हैं कि यह समय सिर्फ उत्सव मनाने का नहीं, बल्कि जिम्मेदारी से पेश आने का है। हर साल दिवाली के बाद वायु गुणवत्ता गिरती है, और इसका असर आने वाले हफ्तों तक रहता है। समाज को मिलकर प्रदूषण रोकने की दिशा में गंभीर कदम उठाने होंगे।मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इस साल ग्रीन पटाखों के इस्तेमाल की अपील की थी, लेकिन इसका व्यापक असर देखने को नहीं मिला। आने वाले समय में सख्त निगरानी और जागरूकता अभियानों की आवश्यकता है, ताकि हवा में जहर घुलने से रोका जा सके।