मुख्यमंत्री ने पुलिस महानिदेशक- महानिरीक्षक सम्मेलन- 2025 को किया संबोधित
भोपाल। मुख्यमंत्री डा मोहन यादव ने कहा कि पुलिस के बारे में जनसामान्य की धारणा बदलने और पुलिस के जनता से बेहतर संवाद के लिए विशेष पहल की आवश्यकता है। उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों को आकस्मिक निरीक्षण करने के भी निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि ंजन सामान्य का विश्वास बनाए रखना पुलिस की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है।
मुख्यमंत्री डा मोहन यादव पुलिस मुख्यालय में पुलिस महानिदेशक-महा निरीक्षक सम्मेलन वर्ष 2025 को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वर्तमान युग में सोशल मीडिया अत्यंत शक्तिशाली साधन होने के साथ-साथ गंभीर चुनौती बनकर उभरा है। इसके दुरुपयोग से अफवाह, अपराध और भ्रम फैलाने की संभवनाएं भी बढ़ी हैं। इसलिए आवश्यक है कि हम सोशल मीडिया की शक्ति का सकारात्मक और रचनात्मक सामग्री के उपयोग करें। किसी भी भ्रामक या उकसाऊ सामग्री को समय रहते पहनाकर उस पर त्वरित और प्रभावी कार्रवाई करना आज की आवश्यकता है।
अपराधियों में हो भय, आमजन में भरोसा जरूरी
उन्होंने कहा कि पुलिस अपनी उपलब्धियों और सकारात्मक गतिविधियों के संबंध में जनप्रतिनिधियों और जनसामन्य से जानकारियां साझा करें। पुलिस अधिकारी बेहतर संवाद के लिए मीडिया के माध्यम से सक्रिय रहें। पुलिस की छवि मदद करने वाली हो, हमारा प्रयास हो कि लोग पुलिस को भय नहीं विश्वास की नजरों से देखें। पुलिस से अपराधियों में भय हो लेकिन आमजन में भरोसे और सुरक्षा की भावना विकसित हो। इस विश्वास को बनाये रखना ही हमारी सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। सामुदायिक पुलिसिंग गतिविधियों को प्रोत्साहित करते हुए महिला सुरक्षा और बच्चों की सुरक्षा के लिए समाज में वातावरण बनाना आवश्यक है।
महिला अपराधों पर त्वरित कार्रवाई करें
मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला सुरक्षा राज्य सरकार और पुलिस की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है। जिन क्षेत्रों में महिलाओं के विरूद्ध अपराधों की संभावना अधिक रहती है वहां विशेष निगरानी, नियमित गश्त और त्वरित कार्यवाही की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। प्रदेश में नशे के विरुद्ध वातावरण बनाने के उद्देश्य से ही धार्मिक शहरों में शराबबंदी लागू की गई है। इन शहरों में अन्य तरीकों से शराब बेचने वालों के विरूद्ध कठोर कार्यवाही की जाए।
पुलिस को मिली 57 मोबाईल फारेंसिक वैन
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश में अपराध अनुसंधान, साक्ष्य संकलन एवं वैज्ञानिक विवेचना की क्षमता को सुदृढ़ करने के लिए तैयार की गई मोबाइल फॉरेंसिक वैनों को पुलिस मुख्यालय भोपाल से झंडी दिखाकर रवाना किया। मध्यप्रदेश पुलिस को कुल 57 मोबाईल फॉरेंसिक वैन उपलब्ध कराई जा रही हैं। इनकी लागत 36 करोड़ 94 लाख 17 हजार 969 रुपए है। राशि केंद्र सरकार द्वारा प्रदाय की गई है। इनमें से 14 मोबाईल फॉरेंसिक वैन 16 दिसंबर 2025 को प्राप्त हुई है, जिन्हें रवाना किया गया है। शेष मोबाईल फॉरेसिंक वैन भी शीघ्र ही जिलों को उपलब्ध कराई जाएंगी।