बीजेपी के नए राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नितिन नबीन
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भारतीय जनता पार्टी ने चौंकाने वाले नाम का एलान करते हुए बिहार सरकार में मंत्री नितिन नबीन को पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी है। अब से नितिन नबीन ही जेपी नड्डा की जगह पार्टी की जिम्मेदारी संभालेंगे। भाजपा की ओर से नितिन नबीन की नियुक्ति को बिहार के साथ-साथ राष्ट्रीय राजनीति में पार्टी की रणनीतिक मजबूती के तौर पर देखा जा रहा है।
अमर अजाला ने जब वरिष्ठ पत्रकार अवधेश कुमार से इस पूरे राजनीतिक परिदृश्य पर चर्चा की तो कई चीजें सामने आई। सवाल ये थे कि आखिर भाजपा ने नितिन नबीन को ही क्यों अध्यक्ष बनाया? अभी अस्थायी बाद में स्थायी अध्यक्ष बनेंगे नितिन नबीन? और बिहार से ही क्यों चुना भाजपा ने राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष?
वरिष्ठ पत्रकार ने बताया कि ये बिल्कुल अकल्पनीय था। लेकिन अब क्योंकि हुआ है, तो अब इसको समझने में थोड़ा समय लगेगा। तत्काल हम लोग केवल अनुमान लगा सकते हैं, क्योंकि कोई बताने वाला नहीं है। जिन्होंने निर्णय किया है। नितिन नबीन अभी तक भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्षों में से सबसे कम उम्र के अध्यक्ष हैं। बिहार के पहले अध्यक्ष हैं। दूसरा यह है कि बहुत ज्यादा पढ़े लिखे नहीं है। 12वीं पास है। तीसरा यह है कि एक जातीय फैक्टर होता है, लेकिन वो कायस्थ जाति से हैं, जिसका सबसे कम वोट होता है।वहीं जब उनसे पूछा गया कि बिहार चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने प्रचंड जीत हासिल करने के बाद बिहार से ही राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष क्यों चुना? क्योंकि विकल्प ये थे यूपी का चुनाव आ रहा है। बंगाल का चुनाव आ रहा है। लेकिन बिहार से कार्यकारी अध्यक्ष चुनना किस ओर इशारा है? पार्टी आखिर क्या साधना चाह रही है।
'यह सोच समझ के निर्णय लिया गया'
जिस पर उन्होंने कहा कि अभी कार्यकारी अध्यक्ष हैं। 14 जनवरी के बाद वो पूर्ण अध्यक्ष होंगे। उनका कार्यकारी अध्यक्ष के लिए चयन नहीं किया। जिस हिसाब से अध्यक्ष का चयन हुआ है। यह आश्चर्य जरूर पैदा करता है, चौंकाता जरूर है, लेकिन यह सोच समझ के निर्णय लिया गया और इसके पीछे अब यही है कि आने वाले समय में पूरे भारतीय जनता पार्टी का जो चेहरा है, वो ऐसे युवा लोगों के साथ होगा। ऐसे लोगों की टीम होगी। जहां अनुभवी लोग भी होंगे लेकिन वो बैलेंस के लिए होंगे।
'कार्यकारी नहीं बल्कि अध्यक्ष के तौर पर चुना गया'
उन्होंने कहा कि सारा कार्यक्रम तय है। जाहिर है कि जिस तरह से अध्यक्ष को कर्सी दी जाती है और अध्यक्ष के लिए जैसे कार्यक्रम होते हैं, उसी प्रकार से इनके लिए कार्यक्रम हो रहा है। तो इसलिए अध्यक्ष बनना नितिन नबीन का निश्चित है। नितिन नवीन के अध्यक्ष बनने के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी किसी बड़े कास्ट फैक्टर से बाहर निकलकर, जो एक हिंदुत्व की राजनीति है।
उन्होंने कहा कि इससे आम कार्यकर्ताओं में संदेश देने की कोशिश की है कि भारतीय जनता पार्टी में कोई भी कार्यकर्ता शीर्ष पर पहुंच सकता है। उन्होंने आगे कहा कि मुझे लगता है जब 14 जनवरी यानी मकर संक्रांति के बाद किसी भी दिन राष्ट्रीय परिषद की बैठक बुलाई जाएगी, जिसमें अनुमोदन हो जाएगा।