मोहन सरकार के दो साल: 2025 बना 'उद्योग वर्ष', MP को मिले ₹8 लाख करोड़ के उद्योग, दो वर्ष में क्या रहा खास?

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल Published by: अर्पित याज्ञनिक Updated Fri, 12 Dec 2025 02:27 PM IST

मोहन यादव सरकार ने उद्योग विकास को प्राथमिकता देते हुए पहली बार संभाग स्तर पर इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव और भोपाल में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट आयोजित की। इसके परिणामस्वरूप 5,550 एकड़ जमीन पर बड़े प्रोजेक्ट आवंटित हुए। सरकार का दावा है कि आठ लाख करोड़ के उद्योग स्थापित हो चुके हैं और छह लाख रोजगार सृजित हुए हैं।

MP News: 2025 Declared Year of Industries 8 Lakh Crore Investments Transform State in Two Years
 
मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव। - फोटो : अमर उजाला

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प्रदेश की मोहन यादव सरकार पदभार ग्रहण करने के बाद से ही सबसे ज्यादा फोकस उद्योगों पर कर रही है। प्रदेश में निवेश को लेकर सरकार तमाम कवायद कर रही है। साथ ही कुछ नई रवायतें भी शुरू की हैं। पहली बार प्रदेश के अलग-अलग संभागों में इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव आयोजित किए गए। जीआईएस, रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव और राष्ट्रीय इंटरैक्टिव सेशन एवं विदेश यात्राओं से 32 लाख करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्ताव मिले हैं। 8.57 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव धरातल पर आ चुके हैं। एमपी एक वर्ष में सर्वाधिक निवेश प्रस्ताव लाने वाला देश का तीसरा राज्य बना। 881 इकाइयों को भूमि आवंटन, 281 इकाइयों का भूमिपूजन और 141 इकाइयों का शुभारंभ हो चुका है। निवेश और औद्याेगिक विकास का नया इकोसिस्टम, 18 नई नीतियों को मंजूरी मिली है।इंदौर से हटकर ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट पहली बार भोपाल में हुई। इसके जरिए मोहन सरकार पूरे प्रदेश के हर इलाके की तस्वीर उद्योगपतियों के सामने रख रही है। साथ ही उनकी खासियत बता कर मध्य प्रदेश में निवेश के लिए आकर्षित किया है। इसके नतीजे भी अब धरातल पर आने लगे हैं। कई बड़े प्रोजेक्ट के लिए अलग-अलग क्षेत्रों में पांच हजार 550 एकड़ जमीन अलॉट हो चुकी है।                                                                                                                                                                                                                      

प्रदेश सरकार ने वर्ष 2025 को उद्योग वर्ष घोषित किया। यही वजह है कि प्रदेश में करीब आठ लाख करोड़ रुपये के उद्योग लग चुके हैं और छह लाख लोगों को रोजगार मिलने का सरकार दावा भी कर रही है। 
भोपाल सेंट्रल : मध्य प्रदेश के सेंट्रल एमपी के भोपाल से लगे रायसेन में भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड बीईएमएल की रेल हब निर्माण इकाई ब्रह्मा का शिलान्यास किया गया। यह कंपनी वंदे भारत और मेट्रो कोच का निर्माण करेगी। इसके लिए 1800 करोड़ रुपये का निवेश होगा। जमीन आवंटित होने के बाद प्रोजेक्ट का शिलान्यास हो गया है। काम शुरू होने पर प्रत्यक्ष तरीके से 1575 लोगों को रोजगार मिलेंगे और अप्रत्यक्ष तरीके से भी सैकड़ों लोगों को रोजगार प्राप्त होगा। यह मध्य एमपी के लिए सबसे बड़ी उपलब्धि है। इसके साथ ही सरकार भोपाल के अचारपुरा में नया इंडस्ट्रियल एरिया डेवलप कर रही है। इसको टैक्सटाइल और फार्मा कंपनियों का हब बनाने की तैयारी है। कुछ कंपनियों को जमीन भी आवंटित हो गई है।

मालवा निर्माण : मालवा निर्माण के क्षेत्र में भी बड़े इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट हुए हैं। वहां पीथमपुर में पहले से ही कई बड़ी-बड़ी कंपनियां थीं। अब केंद्र की तरफ से धार जिले में ही इंडस्ट्रियल ग्रोथ के लिए पीएम मित्र पार्क की सौगत मिली है। यह इसकी शुरुआत से एमपी में टेक्सटाइल के क्षेत्र में बूम आएगा। जिससे रोजगार के साथ-साथ वहां के किसानों को भी काफी फायदा होने वाले हैं। उस क्षेत्र में कपास की खेती बड़े पैमाने पर होती है और टेक्सटाइल पार्क नहीं होने की वजह से अभी बाहर के लोग उसे ले जाते हैं। 2158 एकड़ में फैले इस पार्क में 23 हजार करोड़ का निवेश होगा। कई बड़ी कंपनियों को जमीन भी अलॉट कर दी गई है। इस प्रोजेक्ट से करीब तीन लाख लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तरीके से रोजगार मिलेंगे। साथ ही ग्लोबल मार्केट में एमपी को एक नई पहचान मिलेगी।

विक्रम उद्योगपुरी में मेडिकल डिवाइस पार्क
इसके साथ ही उज्जैन से सटे विक्रम उद्योगपुरी में मेडिकल डिवाइस पार्क बनाया गया है। यह पार्क करीब एक हजार एकड़ से अधिक क्षेत्र में फैला हुआ है। यह देश के चार बड़े मेडिकल डिवाइस पार्कों में से एक हैं। यहां पर बड़े पैमाने पर निवेश भी आ रहे हैं। करीब 2900 करोड़ के निवेश अब तक आ चुके हैं। अब पार्क पूरी तरह से फुल हो चुका है। इसके बाद फेज-2 का काम शुरू हो गया है। पहले चरण में 360 एकड़ जमीन विकसित की गई थी। इस प्रोजेक्ट से भी हजारों लोगों को रोजगार मिलेंगे। साथ ही एक्सपर्ट और इंम्पोर्ट को भी बढ़ावा मिलेगा। 

बुंदेलखंड: पतंजलि समूह कर रहा निवेश
सरकार बुंदेलखंड के विकास पर भी जोर दे रही है। बुंदेलखंड में पतंजलि ग्रुप बढ़ा निवेश करने जा रही है। इसके लिए रीवा जिले के मऊगंज तहसील में 175 हेक्टेयर जमीन आवंटित कर दी गई है। इसमें पांच हजार करोड़ का निवेश आएगा और पांच हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। सरकार ने रीवा में इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव का भी आयोजन किया था। इसमें करीब बुंदेलखंड के अलग-अलग जिलों में 31 हजार करोड़ रुपये के निवेश के प्रस्ताव आए थे। सिंगरौली और कटनी में कंटेनर डिपो का निर्माण हो रहा है। सिंगरौली, सीधी, मऊगंज और मैहर में नए इंडस्ट्रियल एरिया बनाने की योजना है। रामा प्लाई ग्रुप ने रीवा में नई प्लाइवुड यूनिट विस्तारित करने की घोषणा की थी कि इसमें 500 करोड़ निवेश का वादा किया था। सागर के मसवासी ग्रंट औद्योगिक क्षेत्र के लिए विशेष प्रोत्साहन पैकेज को मंजूरी मिल गई है, जिससे बुंदेलखंड में उद्योगों को नई गति मिलेगी। इस पैकेज से 24,240 करोड़ रुपये का निवेश और 29 हजार से अधिक रोजगार अवसर बनने का मार्ग खुलेगा।

ग्वालियर-चंबल: अदाणी समूह कर रहा बड़ा निवेश
ग्वालियर चंबल में भी बड़ी कंपनियां निवेश के लिए तैयार हैं। अदाणी ग्रुप ने शिवपुरी में जैकेट बनाने के लिए 3500 करोड़ रुपये का निवेश कर रहा है। इससे पांच हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। इसके अलावा गुना में अदाणी ग्रुप सीमेंट की बड़ी फैक्ट्री लगा रहा है। साथ ही उस क्षेत्र में अंबानी ग्रुप भी फर्टिलाइजर और बायोगैस के क्षेत्र में 150 करोड़ रुपये का निवेश करेगा। साथ ही टूरिज्म और स्पोर्टस के क्षेत्र में भी ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में काफी बदलाव आ रहे हैं। ग्वालियर में फिर से इंटरनेशनल क्रिकेट मैच होने लगे हैं। इसके साथ ही पैकेजिंग एवं ऑटोमोटिव इंटीरियर के क्षेत्र में मार्बल विनाइल नाम की कंपनी ने 620 करोड़ के निवेश प्रस्ताव दिए हैं, जिससे 2800 लोगों को रोजगार मिलेगा। टेक्निकल टेक्सटाइल सेक्टर एसएसजी फर्नीसिंग सॉल्यूशन ने भी 750 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव दिए हैं। इससे 9 हजार लोगों को रोजगार मिलेगा। वहीं, मुरैना में नवकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में काम हो रहा है। यहां देश की पहली सौर ऊर्जा भंडारण परियोजना स्थापित की गई हैं। इसमें तीन हजार करोड़ रुपये का निवेश है, जो सौर ऊर्जा के क्षेत्र में एक बड़ा निवेश है।

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