बन सकते हैं तीन नए जिले और एक नया संभाग
भोपाल। प्रदेश का नक्शा एक बार फिर बदलने जा रहा है। राज्य सरकार ने तीन नए जिले और एक नया संभाग गठित करने की तैयारी शुरू कर दी है। इस प्रशासनिक पुनर्गठन से भोपाल, रीवा और हाल ही में बने मैहर जिलों की सीमाओं में बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं। राजधानी भोपाल में अब हर विधानसभा क्षेत्र में एक तहसील बनाई जाएगी, जिससे कुल आठ तहसीलें होंगी।
पिछले साल गठित प्रशासनिक पुनर्गठन आयोग इस पूरी प्रक्रिया की निगरानी कर रहा है। आयोग अब तक 25 जिलों का सर्वे पूरा कर चुका है, जबकि शेष जिलों का कार्य तीन माह में पूरा करने की योजना है। सीमांकन की सटीकता सुनिश्चित करने के लिए आयोग ने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन की तकनीकी सहायता ली है। यह संस्था ड्रोन और सैटेलाइट तकनीक की मदद से विस्तृत सर्वे रिपोर्ट तैयार कर रही है। आयोग ने अमरपाटन तहसील के छह गांव मुकुंदपुर, धौबाहट, अमीन, परसिया, आनंदगढ़ और पापरा को रीवा जिले में शामिल करने का प्रस्ताव दिया है। तर्क यह दिया गया है कि मुकुंदपुर स्थित व्हाइट टाइगर सफारी भौगोलिक रूप से रीवा के अधिक निकट है। हालांकि, इस प्रस्ताव के बाद स्थानीय स्तर पर सीमाविवाद तेज हो गया है।
निमाड़ संभाग बनने की तैयारी
राज्य सरकार इंदौर संभाग से अलग एक नया निमाड़ संभाग बनाने पर विचार कर रही है। इसमें खरगोन, बड़वानी, बुरहानपुर और खंडवा जिले शामिल होंगे। अधिकारियों के अनुसार, इस कदम से प्रशासनिक दक्षता में वृद्धि होगी और क्षेत्रीय स्तर पर जनसुविधाएं अधिक सुलभ होंगी।
राजधानी भोपाल में पांच नई तहसीलें बनेंगी
फिलहाल भोपाल जिले में तीन तहसीलें हुजूर, कोलार और बैरसिया हैं। अब शहर क्षेत्र में पांच नई तहसीलें गठित करने की तैयारी है। इनमें ’पुराना भोपाल, संत हिरदाराम नगर, गोविंदपुरा, टीटी नगर और एमपी नगर’ शामिल होंगी। नई तहसीलों के गठन से प्रशासनिक कार्यों में तेजी आने और नागरिक सेवाओं में सुधार की उम्मीद है।