भोपाल। विश्व हिन्दू परिशद के केन्द्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि विहिप द्वारा गांव-गांव घर वापसी अभियान चलाया जाएगा और बच्चों में हिंदू जीवन मूल्यों का संस्कार रोपित किया जाएगा।
केन्द्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार ने यह बात अमरकंटक में हुए अखिल भारतीय युवा संत चिंतन वर्ग को संबोधित करते हुए कहीं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 100 वर्ष और विश्व हिंदू परिषद के 60 वर्षों की यात्रा में हिंदुत्व गौरव के साथ खड़ा हुआ है। आज लोग गर्व से कहते हैं हम हिंदू हैं। उन्होंने कहा कि पहले अपने को हिंदू कहना कठिन था, पर अब यह आत्मसम्मान का विषय बन चुका है। राम मंदिर आंदोलन के दौरान कारसेवकों ने अपने रक्त से इतिहास रचा और आज उसी आस्था का परिणाम भव्य मंदिर के रूप में सामने है। उन्होंने धर्मांतरण को गंभीर चुनौती बताते हुए कहा कि इसे रोकने के लिए परिषद ने 850 प्रखंडों में धर्मरक्षक कार्यकर्ता नियुक्त किए हैं। गांव-गांव घर वापसी अभियान चलाया जाएगा और बच्चों में हिंदू जीवन मूल्यों का संस्कार रोपित किया जाएगा। अमरकंटक में हुए इस चिंतन वर्ग में देशभर के 44 प्रांतों से 300 से अधिक युवा संत, केंद्रीय पदाधिकारी और धर्माचार्य शामिल हुए।
धर्मांतरीत लोगों को सनातन धर्म में लाना आज की जरूरत
पूज्य नर्मदानंद बापू महाराज ने कहा कि युवा संतों का यह सम्मेलन सनातन समाज की एकता का प्रतीक है। देश में बढ़ते इसाईकरण और इस्लामीकरण को रोकना तथा धर्मांतरित लोगों को पुनः सनातन धर्म में लाना आज की आवश्यकता है। विहिप के संरक्षक दिनेश चंद्र ने संगठन की स्थापना और उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि 1964 में पूज्य गुरुजी, स्वामी चिन्मयानंद सरस्वती और अन्य संतों की उपस्थिति में मुंबई में इसकी स्थापना “धर्मो रक्षति रक्षितः” मंत्र के साथ हुई थी। उन्होंने कहा कि 1966 के प्रयागराज कुंभ में धर्मांतरण रोकने और घर वापसी का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित हुआ था।