अधिकारियों की जातिवादी टिप्पणियों का कर्मचारी संघ ने किया विरोध

मुख्यमंत्री को लिखा पत्र, रोक लगाने की उठी मांग
भोपाल।प्रदेश के प्रशासनिक गलियारों में इन दिनों तनाव का माहौल है। कथित रूप से कुछ वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों द्वारा सार्वजनिक मंचों और सरकारी बैठकों में की गई टिप्पणियों को लेकर मंत्रालय अधिकारी-कर्मचारी संघ ने आपत्ति दर्ज कराई है। संघ का आरोप है कि इन बयानों से सिविल सेवा आचरण नियमों का उल्लंघन हुआ है और प्रशासन की निष्पक्षता पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
मंत्रालय अधिकारी-कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सुधीर नायक ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को पत्र लिखकर संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है। पत्र में कहा गया है कि कुछ अधिकारियों की टिप्पणियां विवादास्पद और जातिवादी प्रकृति की बताई जा रही हैं, जिससे समाज में असुरक्षा और अविश्वास का वातावरण बन रहा है। संघ ने अपने पत्र में तीन घटनाओं का उल्लेख किया है। पहली घटना में आईएएस अधिकारी संतोष वर्मा पर एक विशेष समुदाय को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाया गया है। दूसरी ओर, आईएएस अधिकारी मीनाक्षी सिंह द्वारा सार्वजनिक रूप से जातिवादी होने की वकालत किए जाने का दावा किया गया है, जिसे संघ ने पद की गरिमा के विरुद्ध बताया है।
बैठकों तक फैला विवाद
विवाद केवल सार्वजनिक मंचों तक सीमित नहीं बताया जा रहा है। संघ के अनुसार, पदोन्नति नियमों से जुड़ी एक उच्चस्तरीय बैठक में तत्कालीन अपर मुख्य सचिव जे.एन. कंसोटिया और अन्य अधिकारियों द्वारा कैबिनेट के निर्णयों पर सवाल उठाए गए, जिसे कर्मचारियों ने अनुशासनहीनता करार दिया है। संघ का कहना है कि यदि नीति निर्धारण से जुड़े पदों पर बैठे अधिकारी ही कथित रूप से पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाएंगे, तो प्रशासनिक व्यवस्था पर इसका प्रतिकूल असर पड़ेगा। संघ ने चेतावनी दी है कि यदि मामले में शीघ्र वैधानिक कार्रवाई नहीं की गई, तो वे आगे आंदोलन का रास्ता अपनाने पर विचार कर सकते हैं।

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