भोपाल। पशुपालन एवं डेयरी राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) लखन पटेल ने कहा गोवंश की संख्या के मामले में मध्यप्रदेश का देश में दूसरा स्थान है। प्रदेश के 1.87 करोड़ गौवंश में से लगभग 70 प्रतिशत गौवंश अवर्णित नस्ल के हैं। गौवंश के अवैध परिवहन पर वाहन राजसात किए जाएंगे। पशुओं की नस्ल सुधार के लिए हिरण्यगर्भा अभियान चलाया जा रहा है।
राज्यमंत्री पटेल कुशाभाऊ ठाकरे सभा हॉल में पशुपालन एवं डेयरी विभाग की दो वर्ष की उपलब्धियों की जानकारी मीडिया प्रतिनिधियों से साझा कर रहे थे। प्रदेश में पशुपालकों को समृद्ध करने हेतु पशुओं का नस्ल सुधार एक महत्वपूर्ण साधन है, इस हेतु “हिरण्यगर्भा अभियान“ संचालित किया जा रहा है। परम्परागत सीमन डोज की जगह सॉर्टेड सेक्सड सीमन के ज्यादा से ज्यादा उपयोग हेतु जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि देश के दुग्ध उत्पादन में प्रदेश की भागीदारी 09 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत करने के उददेश्य से अभिनव योजना “डॉ. भीमराव अम्बेडकर कामधेनु योजना“ प्रारंभ की गई है। एक हितग्राही को एक आवेदन पर एक इकाई (25 दुधारू पशु) या एक से अधिक इकाई (अधिकतम 08 इकाईयों, 200 दुधारू पशु) लेने की पात्रता होगी। योजना अंतर्गत देशी नस्ल की गाय की इकाई की लागत 36 रूपये लाख तथा संकर नस्ल की गाय तथा भैंस की इकाई की लागत 42 लाख रूपये है।
दूध खरीद मूल्यों में की वृद्धि
मंत्री ने बताया कि सहकारिता अंतर्गत ग्रामों का कवरेज आगामी 3 वर्षों में बढ़ाकर 15 हजार से अधिक ग्रामों को कवर करना तथा दुग्ध सहकारी समिति सदस्यों की संख्या बढ़ाकर कुल 470 हजार करना। इस हेतु राज्य में 4000 करोड से अधिक का निवेश होगा। दुग्ध संघो द्वारा दूध खरीद मूल्यों में 2.50 रूपये से 8.50 रूपये प्रति लीटर की वृद्धि की गई।
18 हजार पंचायतें क्षीरधारा ग्राम के रूप में की जाएंगी विकसित
मंत्री ने कहा कि आगामी तीन सालों में विभाग द्वारा 18 हजार ग्राम पंचायतों को क्षीरधारा ग्राम के रूप में विकसित किया जाएगा। 50 नवीन स्वावलंबी गौ शालाएं स्थापित की जाएंगी। कृत्रिम गर्भाधान के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले कृत्रिम गर्भाधान कार्यकर्ताओं को पुरूस्कृत किया जाएगा। ऐसे पशुपालक जो अन्य पशुपालकों के लिए प्रेरणास्पद हैं, उन्हें ’पशुपालन आचार्य’ की उपाधि से सम्मानित किया जाएगा।