शिक्षा, गरीबी और महिलाओं की स्थिति को गंभीर बताया पटवारी ने
भोपाल। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने मध्यप्रदेश में शिक्षा और किसानों की स्थिति पर गंभीर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि कैग रिपोर्ट में प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था, गरीबों और महिलाओं की स्थिति को गंभीर बताया गया है।
प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में मीडिया से चर्चा करते हुए पटवारी ने कहा कि आज स्कूलों में 60 लाख बच्चे कम हो गए हैं, जबकि शिक्षा विभाग का बजट पिछले वर्षों में लगातार बढ़कर अब 37 हजार करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। उन्होंने बताया कि बच्चों के पोषण पर मात्र 12 रुपये खर्च हो रहे हैं, जबकि गायों पर 40 रुपये। इसके बावजूद बच्चे और गायें दोनों ही कुपोषित हैं। कांग्रेस नेता ने कहा कि देश में सबसे अधिक कुपोषित बच्चे मध्यप्रदेश में हैं, लेकिन इस पर मुख्यमंत्री की समीक्षा का समय नहीं है। उन्होंने केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की भोपाल में बेबाक आलोचना की सराहना की और कहा कि उन्होंने साफ कहा कि मध्यप्रदेश के बच्चे 5वीं तक सेब, 10वीं तक अंजीर नहीं खा पाते। किसानों के हालात पर बात करते हुए जीतू पटवारी ने कहा कि आज किसानों को फसल के दाम नहीं मिल रहे, और मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री की विदेश यात्रा पर 11 दिन में 34 करोड़ रुपये खर्च किए गए, जिसका राज्य और किसानों पर कोई सकारात्मक असर नहीं हुआ। पटवारी ने मुख्यमंत्री और केंद्र सरकार से मांग की कि शिक्षा और किसानों के हित में जितना पैसा आया है उसका पारदर्शी ऑडिट किया जाए, और बच्चों और किसानों की वास्तविक स्थिति का तुरंत सुधार किया जाए।
मिड-डे-मील और शिक्षा से जुड़े मामलों की हो सीबीआई जांच
पटवारी ने कहा कि साल 2012-13 में 1 करोड़ 60 लाख बच्चे स्कूलों में पढ़ते थे, आज केवल 1 करोड़ 4 लाख बच्चे पढ़ रहे हैं, जबकि बजट पांच गुना बढ़ गया। उन्होंने सवाल उठाया कि 50 लाख बच्चों का राशन कहां गया और बच्चों के खाने से जुड़े अधिकारियों का क्या हाल है। उन्होंने मांग की कि सीबीआई द्वारा मिड-डे-मील और शिक्षा से जुड़े सभी मामलों की जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के ‘खाऊंगा ना खाने दूंगा’ के वादे पर क्या हुआ, और शिक्षा से जुड़े सभी मामलों का सोशल ऑडिट और सीआईडी जांच होना चाहिए।
सिंगरौली में पेड़ कटाई, जांच कमेटी की गठित
सिंगरौली जिले के घिराली कोल ब्लॉक में तेजी से हो रही बड़े पैमाने की पेड़ कटाई ने अब राष्ट्रीय स्तर पर राजनीतिक ध्यान खींच लिया है। पर्यावरणीय नुकसान और वन क्षेत्र पर मंडरा रहे खतरे को गंभीर मानते हुए अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) ने इस पूरे मामले की जांच के लिए विशेष तथ्य-अन्वेषण समिति का गठन कर दिया है। यह समिति 11 दिसंबर को सिंगरौली पहुंचकर ग्राउंड जीरो पर हालात का जायजा लेगी। समिति की जिम्मेदारी कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी को सौंपी गई है। पार्टी का आरोप है कि घिराली कोल ब्लॉक में जंगलों की कटाई असामान्य और बेकाबू रफ्तार से की जा रही है, जिससे न सिर्फ पर्यावरण को नुकसान हो रहा है, बल्कि स्थानीय आबादी और प्राकृतिक संसाधनों पर भी संकट गहराता जा रहा है।