मध्यप्रदेश के कई नगरीय निकायों में वित्तीय अनियमितता उजागर हुई है, जहां आय से ज्यादा खर्च कर दिया गया। ऑडिट रिपोर्ट में बताया गया है कि कई निकायों ने बजट भी बिना सही आकलन के काल्पनिक आधार पर बना लिया।
मध्यप्रदेश के नगरीय निकायों में वित्तीय अनुशासन की कमी और गड़बड़ी उजागर हुई है। नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग की वार्षिक संपरीक्षा प्रतिवेदन वर्ष 2021-22 में यह खुलासा हुआ है कि कई नगर निगम, नगर पालिका परिषदों और नगर परिषदों ने अपनी वास्तविक आय से अधिक व्यय किया है। इसमें 6 नगर निगम, 11 नगर पालिका परिषद और 17 नगर परिषद शामिल है। नगर निगम सागर ने 2020-21 में आय से 16.77 करोड़ रुपए, नगर निगम सतना ने वर्ष 2019-20 में 46.82 करोड़, उज्जैन नगर निगम ने वर्ष 2019-20 में 91.29 करोड़ रुपए, नगर निगम देवास ने वर्ष 2019-20 में 41.60 करोड़ रुपए, नगर निगम इंदौर ने 2019-20 में 25.10 करोड़ रुपए, नगर निगम रीवा ने 2019-20 में 36.72 करोड़ रुपए अधिक खर्च किया। ऑडिट रिपोर्ट में बताया है कि इस प्रकार की स्थिति न केवल वित्तीय अनुशासन की कमी दर्शाती है, बल्कि बजट निर्माण और व्यय नियंत्रण की प्रणाली में गंभीर सुधार की आवश्यकता भी बताती है।