मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के सामने रविवार को 10 नक्सलियों का हथियारों समेत समर्पण किया। इनके ऊपर 2.36 करोड़ रुपए का इनाम था। सीएम ने कहा कि कानून की राह अपनाने वालों के पुनर्वास की चिंता सरकार करेगी।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में नक्सलवाद को खत्म करने की दिशा में एक बड़ी सफलता मिली है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव के समक्ष बालाघाट में रविवार को 10 नक्सलियों ने आत्म समर्पण किया, जिनमें 4 महिला नक्सली भी शामिल हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने उन्हें संविधान की प्रति प्रदान कर मुख्यधारा से जोड़ा। आत्म समर्पण करने वाले नक्सलियों ने अपने हथियार मुख्यमंत्री को सौंपे। इन नक्सलियों के ऊपर 2.36 करोड़ रुपए का इनाम घोषित था। इसमें केबी डिवीजन के एसीएम कबीर के खिलाफ 77 लाख रूपये का ईनाम घोषित था। सभी नक्सलियों पर महाराष्ट्र छत्तीसगढ और मध्यप्रदेश सरकार की ओर से इनाम घोषित किया गया था। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि कि एक भी व्यक्ति को हथियार उठाने की अनुमति नहीं है। मुख्यमंत्री ने नक्सलियों से आह्वान किया कि वे सरकार की पुनर्वास नीति अपनाएं। सरकार उनके जीवन को सुरक्षित करने, विकास सुनिश्चित करने और उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए हर संभव प्रयास करेगी। साथ ही सीएम ने बाकी नक्सलियों क
सीएम ने संविधान की प्रति देते हुए - फोटो : अमर उजाला
नक्सलियों पर बन रहा फोर्स का दबाव
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने अधिकारियों और जवानों की हौसला अफजाई करते हुए कहा कि एंटी नक्सल अभियान को लगातार सशक्त और सुदृढ़ किया जा रहा है। प्रदेश में 15 नवीन अस्थायी कैंप और विशेष सहयोगी दस्ता के 882 पद स्वीकृत किए गए हैं। सतत निगरानी, सघन जांच और कार्रवाइयों से प्रदेश में नक्सली दायरा तेजी से घटा है। उन पर फोर्स का दबाव बड़ रहा है। उन्होंने कहा कि पुनर्वास के लिए नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में पिछले वर्ष 46 एकल सुविधा केंद्र खोले गए। इन केंद्रों के माध्यम से रोजगार, वन अधिकार पत्र और अन्य आवश्यक सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने शहीद आशीष शर्मा की वीरता को नमन करते हुए कहा कि कर्तव्यपथ में उत्कृष्टता से कार्य करने वाले 328 हॉक फोर्स सहित पुलिस अधिकारियों को आउट ऑफ टर्न प्रमोशन दिया गया है। उन्होंने कहा कि जो कानून की राह अपनाते हैं, उनकी पुनर्वास की चिंता सरकार की है।
आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली - फोटो : अमर उजाला
एंटी नक्सल अभियान को सशक्त किया : डीजीपी
डीजीपी कैलाश मकवाना ने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में एंटी नक्सल अभियान को सशक्त किया गया है। नए कैंप स्थापित किए गए हैं, हॉक फोर्स और पुलिस बल में वृद्धि की गई है। साथ ही अधिकारियों और जवानों को सतत प्रोत्साहन दिया जा रहा है। इन कार्रवाइयों के सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। मध्य प्रदेश सहित अन्य राज्यों में भी नक्सल समर्पण लगातार बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि रोजगार और स्किल डेवलपमेंट के प्रयासों से नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के युवाओं और नागरिकों को मुख्यधारा से जोड़ने की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। मध्य प्रदेश पुलिस निर्धारित समय-सीमा में नक्सल मुक्ति के लिए प्रतिबद्ध है। कार्यक्रम में परिवहन एवं स्कूल शिक्षा और बालाघाट के प्रभारी मंत्री उदय प्रताप सिंह, पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारी और जवान उपस्थित रहे।
सीएम डॉ. यादव के साथ समर्पण करने वाली नक्सली - फोटो : अमर उजाला
इन नक्सलियों ने किया आत्म समर्पण
- सुरेंद्र उर्फ कबीर उर्फ सोमा सोढी पिता उंग्गा सोढी जाति गोंड उम्र 50 निवासी पुलमपाढ थाना गुल्लापल्ली जिला सुकमा छग।
- राकेश ओडी उर्फ मनीष पिता समरत ओडी जाति गोंड उम्र 42 निवासी ग्राम झंडेपार (बोट्टेकसा) थाना कोरची जिला गडचिरौली महाराष्ट्र।
- लालसिंह मरावी उर्फ सींगा उर्फ प्रवीण पिता भीमा माता ऊंगी जाति गोंड उम्र 30 निवासी छोटे गुडरा थाना कटेकल्याण जिला दंतेवाड़ा छग।
- शिल्पा नुप्पो पिता जोगा माता ..बीमे..जाति गोंड उम्र 26 निवासी बुडिया बट्टुम थाना बासीगुडा तहसील हवापल्ली जिला बीजापुर छग।
- सलीता उर्फ सावित्री अलावा पिता लकमु माता चिको जाति गोंड उम्र 26 निवासी सीनागेलोर थाना बासागुडा तहसील हवापल्ली जिला बीजापुर छग।
- नवीन नुप्पो उर्फ हिडमा पिता नंगा माता बीमे जाति गोंड उम्र 30 निवासी बोडकेल तहसील कोंटा (जगरगुंडा) जिला सुकमा छग।
- जयशीला उर्फ ललिता ओयम पिता समलु माता देवे जाति गोंड उम्र 26 निवासी तरैम थाना बासागुडा तहसील हवापल्ली जिला बीजापुर छग।
- विक्रम उर्फ हिडमा वट्टी पिता तकमा माता पीसे जाति गोंड उम्र 30 निवासी मडपे दुल्लोड थाना 4 थाना चिंता गुफा जिला सुकमा छग।
- जरिना उर्फ जोगी मुसाक पिता अंदल माता कोशी जाति गोंड (मुडिया) उम्र निवासी मुरंगा थाना गंगलुर जिला बिजापुर छग।
- समर उर्फ समारू उर्फ राजु अतरम पिता सन्नु माता सुमरी जाति गोंड उम्र 32 निवासी इंड्री तहसील बैरमगढ जिला बीजापुर छग।
मुठभेड़ के बाद बदला माहौल
यह पूरा घटनाक्रम लांजी क्षेत्र के छत्तीसगढ़ सीमा से लगे माहिरखुदरा इलाके में हुई पुलिस-नक्सली मुठभेड़ के बाद सामने आया। सुरक्षाबलों के दबाव में नक्सली समूह बिखर गया था। इसके बाद ही उन्होंने हथियार छोड़ने का फैसला लिया।
एमपी सरकार की नीति का असर
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, यह आत्म समर्पण मध्य प्रदेश सरकार की नक्सल आत्मसमर्पण नीति का प्रत्यक्ष परिणाम है। सरकार ने मार्च 2026 तक नक्सलवाद खत्म करने का लक्ष्य तय किया है। लगातार अभियान, जंगलों में सर्च ऑपरेशन और संवाद की नीति ने नक्सली नेटवर्क पर गहरा दबाव बनाया है। गौरतलब है कि इससे पहले एक नवंबर को महिला नक्सली सुनीता ने भी आत्मसमर्पण किया था।