स्पोर्ट्स डेस्क, अमर उजाला, गुवाहाटी Published by:
Mayank Tripathi Updated Wed, 26 Nov 2025 10:01 PM IST
दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ गुवाहाटी टेस्ट में मिली 408 रनों की करारी हार ने भारतीय टेस्ट टीम की स्थिति और मुख्य कोच गौतम गंभीर की रणनीतियों पर नए सिरे से बहस छेड़ दी है। यह हार न सिर्फ भारत की टेस्ट इतिहास की सबसे बड़ी हार है, बल्कि यह गंभीर के कार्यकाल में टीम इंडिया के टेस्ट प्रदर्शन की गिरती रफ्तार को भी उजागर करती है।
दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ गुवाहाटी टेस्ट में मिली 408 रनों की करारी हार ने भारतीय टेस्ट टीम की स्थिति और मुख्य कोच गौतम गंभीर की रणनीतियों पर नए सिरे से बहस छेड़ दी है। यह हार न सिर्फ भारत की टेस्ट इतिहास की सबसे बड़ी हार है, बल्कि यह गंभीर के कार्यकाल में टीम इंडिया के टेस्ट प्रदर्शन की गिरती रफ्तार को भी उजागर करती है। गंभीर की कोचिंग में भारत ने अब तक 19 टेस्ट मैच खेले हैं, जिनमें टीम सिर्फ सात में जीत दर्ज कर पाई, जबकि 10 मुकाबलों में हार झेलनी पड़ी और दो मैच ड्रॉ रहे। इस आधार पर उनका जीत प्रतिशत लगभग 36.8 प्रतिशत है, जो भारतीय क्रिकेट इतिहास में लंबे कार्यकाल वाले कोचों में सबसे कमजोर आंकड़ों में से एक है।

गौतम गंभीर - फोटो : ANI
गंभीर की देखरेख में भारत का टेस्ट में प्रदर्शन
गंभीर की देखरेख में भारत ने अब तक छह टेस्ट सीरीज खेली हैं। बांग्लादेश के खिलाफ घरेलू सीरीज में टीम ने 2-0 से जीत हासिल की, लेकिन इसके बाद न्यूजीलैंड ने भारत को घर में ही 0-3 से क्लीन स्वीप कर दिया, जो भारतीय क्रिकेट के इतिहास में बेहद दुर्लभ घटनाओं में से एक है। ऑस्ट्रेलिया दौरे पर टीम को 3-1 से हार का सामना करना पड़ा, जबकि इंग्लैंड में खेली गई पांच मैचों की सीरीज 2-2 से बराबर रही। वेस्टइंडीज के खिलाफ घरेलू सीरीज भारत ने 2-0 से जीती, लेकिन दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ हालिया घरेलू मुकाबलों में 0-2 की हार ने टीम की कमियों को फिर उजागर कर दिया। यह दूसरी बार है जब गंभीर के कार्यकाल में भारत को घर में किसी टेस्ट सीरीज में क्लीन स्वीप झेलना पड़ा है।

भारत की शर्मनाक हार - फोटो : ANI
डंकन फ्लेचर से बेहतर है गंभीर का रिकॉर्ड
हालांकि आलोचनाओं के बावजूद यह कहना गलत होगा कि गंभीर भारत के सबसे कमजोर टेस्ट कोच हैं। आंकड़े बताते हैं कि पिछले दो दशकों में कम से कम 15 टेस्ट मैचों तक टीम इंडिया की कमान संभालने वाले कोचों में उनका रिकॉर्ड सिर्फ डंकन फ्लेचर से बेहतर है। फ्लेचर के कार्यकाल में भारत ने 18 टेस्ट में सिर्फ छह जीते और आठ हारे थे, जबकि उनका जीत प्रतिशत 33.3 प्रतिशत रहा। ग्रेग चैपल, जिन्हें अक्सर विवादों के केंद्र में रहने वाला कोच माना जाता है, उनके आंकड़े भी गंभीर से बेहतर हैं। चैपल ने 18 टेस्ट में सात जीत और सात ड्रॉ हासिल किए थे और टीम सिर्फ चार बार हारी थी।

गौतम गंभीर - फोटो : ANI
कुंबले, शास्त्री और द्रविड़ का रिकॉर्ड
इसके उलट भारतीय क्रिकेट के इतिहास में कुछ कोचों ने यादगार कार्यकाल दिए हैं। अनिल कुंबले सबसे सफल भारतीय टेस्ट कोच माने जाते हैं। 2016 से 2017 के बीच उन्होंने 17 टेस्ट में भारत को 12 जीत दिलाई और सिर्फ एक मुकाबला टीम हारी। उनका जीत प्रतिशत 70.6 है, जो अब तक का सर्वश्रेष्ठ है। रवि शास्त्री के कार्यकाल को भी टीम इंडिया के स्वर्णिम पलों में गिना जाता है। उन्होंने 43 टेस्ट में भारत को 25 जीत दिलाई और उनकी टीम ने विदेशों में ऐतिहासिक सफलताएं हासिल कीं। राहुल द्रविड़ के कार्यकाल में भी टीम का प्रदर्शन स्थिर रहा और उनके जीत प्रतिशत 58.3 के करीब रहा।

भारत का शर्मनाक रिकॉर्ड - फोटो : ANI
13 महीनों में दूसरी बार क्लीन स्वीप का शिकार हुई भारतीय टीम
गंभीर पर सवाल इसलिए भी तेज हुए हैं क्योंकि उनके दौर में भारत का घरेलू वर्चस्व बुरी तरह टूटता दिखा है। पिछले 13 महीनों में यह दूसरी बार है जब भारत को घरेलू सीरीज में क्लीन स्वीप का सामना करना पड़ा है, जबकि इससे पहले दो दशकों में ऐसी स्थिति बेहद कम देखने को मिली थी। इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया जैसी मजबूत टीमों के सामने भारत का घरेलू किला कभी इतना कमजोर नहीं रहा। इसके साथ ही गुवाहाटी में मिली हार ने विश्व टेस्ट चैंपियनशिप की राह को भी मुश्किल बना दिया है।