Bihar Elections: नामांकन खत्म फिर भी इन मुद्दों को लेकर उलझ रहे इंडिया-NDA गठबंधन, जानें प्रचार में कौन है आगे

डिजिटल ब्यूरो, अमर उजाला Published by: कीर्तिवर्धन मिश्र Updated Tue, 21 Oct 2025 06:17 PM IST

Bihar Assembly Election 2025: बिहार में चुनाव प्रचार के मैदान में भी एनडीए गठबंधन ने बाजी मार ली है। राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और भाजपा की ओर से गृहमंत्री अमित शाह ने प्रचार की कमान संभाल ली है। जबकि, दूसरी तरफ महागठबंधन सीट बंटवारे के बाद आपसी विवादों में उलझा हुआ नजर आ रहा है।

बिहार विधानसभा चुनाव के लिए पहले और दूसरे चरण के नामांकन की प्रक्रिया खत्म हो गई है। राज्य की सभी 243 सीटों पर चुनाव प्रचार अब जोर-शोर से शुरू हो गया है। आज से 16 दिन बाद, यानी 6 नवंबर को पहले चरण की वोटिंग होगी। इसके बाद दूसरे चरण का मतदान 11 नवंबर को होगा। सभी सीटों के नतीजे 14 नवंबर को घोषित किए जाएंगे

एनडीए गठबंधन में भाजपा, जदयू , चिराग पासवान की पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी (आर), जीतन राम मांझी की और उपेन्द्र कुशवाहा की पार्टी शामिल हैं। भाजपा को 101 सीटें, जदयू को 101 सीटें, चिराग पासवान की पार्टी को 29 सीटें, जबकि मांझी और कुशवाहा की पार्टियों को 6-6 सीटें मिली हैं।
भाजपा ने 14 और 15 अक्तूबर को तीन सूचियां जारी करते हुए अपने 101 प्रत्याशियों के नामों की घोषणा की। जदयू ने 15 अक्तूबर को 57 सीटों और 16 अक्तूबर को 41 सीटों के उम्मीदवारों की घोषणा की। जीतन राम मांझी ने 14 अक्तूबर को एक साथ अपनी सभी छह सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर दिए। चिराग पासवान ने 15 और 16 अक्तूबर को दो सूचियां जारी कर सभी टिकट बांट दिए। जबकि उपेन्द्र कुशवाहा ने भी दो सूचियाँ जारी कर अपने छह प्रत्याशियों के नाम घोषित किए।
लेकिन इंडिया गठबंधन में नामांकन की प्रक्रिया खत्म होने के बाद भी सीट शेयरिंग को लेकर स्थिति साफ नहीं हो पाई है। कई सीटों पर महागठबंधन के सहयोगी दल एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव मैदान में उतर गए हैं। 20 अक्तूबर को नामांकन समाप्त होने के बाद भी यह स्पष्ट नहीं हो सका कि कौन-सी पार्टी कितनी सीटों पर चुनाव लड़ रही है। महागठबंधन के दलों ने अब तक औपचारिक रूप से सीट बंटवारे का फार्मूला घोषित नहीं किया है। हालांकि अंदरूनी सूत्रों के अनुसार,कांग्रेस 60 सीटें, राजद 143 सीटें, वामदल 30 सीटें, वीआईपी पार्टी 15 सीटें और अन्य दलों को 3 सीटें पर चुनावी मैदान में है।
राजद ने नामांकन के आखिरी दिन 143 सीटों पर अपने प्रत्याशियों की घोषणा की। इनमें से 5 सीटें ऐसी हैं, जिन पर कांग्रेस ने भी अपने उम्मीदवार उतारे हैं, जिससे टकराव की स्थिति बन गई है। वहीं कांग्रेस ने टुकड़ों-टुकड़ों में पांच सूचियां जारी करते हुए कुल 60 प्रत्याशियों के नाम घोषित किए हैं। वामदलों ने भी 17 और 18 अक्तूबर को दो सूचियाँ जारी कर अपने उम्मीदवारों की घोषणा की है। इसी तरह मुकेश सहनी की पार्टी वीआईपी ने 18 और 19 अक्तूबर को दो लिस्ट जारी कर अपने प्रत्याशियों के नाम घोषित किए हैं।
प्रचार में ऐसे आगे निकला NDA गठबंधन
सबसे पहले राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 16 अक्तूबर से अपनी सभा की शुरुआत की। नीतीश कुमार मंत्री विजय कुमार चौधरी के नामांकन में शामिल हुए और समस्तीपुर में सभा की।  वही, 16 अक्तूबर की शाम केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पटना पहुंचे। 17 अक्तूबर को सारण जिले के तरैया में भाजपा नेता जनक सिंह के समर्थन में सभा की। इसके बाद वह पटना लौटे और दो दिनों तक लगातार बैठक कर चुनाव पर चर्चा की। 16 अक्तूबर को यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने पटना और सहरसा में चुनावी सभा की। इसके अलावा महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस, मध्यप्रदेश के CM मोहन यादव, दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता भी सभा कर चुके हैं। पीएम मोदी 24 अक्तूबर से अपनी चुनावी सभा की शुरुआत पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर की गांव से करेंगे। इसके बाद वह उसी दिन बेगूसराय में सभा करेंगे।
इधर,महागठबंधन में उठापठक खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही है। अब तक तेजस्वी यादव से लेकर राहुल गांधी और कांग्रेस-आरजेडी के नेताओं ने कोई बड़ी सभा नहीं की है। तेजस्वी यादव ने नामांकन में भी महागठबंधन का कोई नेता साथ नहीं दिखा। मुकेश सहनी छोटी-छोटी सभाएं अपने एरिया में कर रहे हैं। कांग्रेस में भी अब तक किसी बड़े नेता कोई सभा या रैली नहीं की है। विपक्ष ने चुनाव के ऐलान से पहले वोट चोरी, भ्रष्टाचार, बेरोजगारी जैसे मुद्दे जोर शोर के साथ उठाए। लेकिन चुनाव के ऐलान के बाद विपक्ष इसे भूल गया। किसी पार्टी ने कोई चुनावी सभा नहीं की और ना ही सरकार को घेरा।
सीएम फेस को लेकर उलझ रहे दोनों दल
एनडीए ने अभी तक सीएम फेस का एलान तो नहीं किया है। लेकिन सभी घटक दल कहते नजर आ रहे है कि चुनाव नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही चुनाव लड़ रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी से लेकर अमित शाह, चिराग पासवान, जीतन राम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा तक कह चुके हैं कि चुनाव में एनडीए का नेतृत्व नीतीश कुमार ही करेंगे। लेकिन समय-समय पर भाजपा नेताओं के बयान सामने आते है कि चुनाव बाद विधायक अपना नेता चुनेंगे से राजनीतिक सर्किल में नीतीश के भविष्य को लेकर चर्चा होती है।
दूसरी तरफ़, सीएम फेस के नाम पर महागठबंधन में तनातनी है। कांग्रेस तेजस्वी को न तो सीएम फेस बना रही है और न ही उनके नेतृत्व में चुनाव लड़ने की बात कह रही है। सीएम फेस के सवाल पर भी सीधा जवाब नहीं दिया जा रहा है। मुकेश सहनी और लेफ्ट की तीनों पार्टियों (माले, भाकपा, माकपा) को तेजस्वी के नाम के ऐलान पर ऐतराज नहीं है, लेकिन कांग्रेस के कारण उनके नाम का ऐलान नहीं हो पा रहा है। मतलब अब तक महागठबंधन चुनाव में बिना सीएम फेस और नेतृत्व के आगे बढ़ रहा है।

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