स्मार्टफोन का उपयोग गर्दन और पीठ की मांसपेशियों के लिए घातक

 

मांसपेशियों में खिंचाव, दर्द और जकड़न कर रहा उत्पन्न
भोपाल। लंबे समय तक स्मार्टफोन का लगातार उपयोग आपकी गर्दन और पीठ की मांसपेशियों के लिए घातक हो सकता है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) भोपाल द्वारा किए गए एक हालिया शोध में यह चौंकाने वाला निष्कर्ष सामने आया है। शोध में बताया गया है कि स्मार्टफोन का अत्यधिक उपयोग स्टर्नामैस्टॉइड और ट्रैपेज़ियस जैसी महत्वपूर्ण मांसपेशियों की कार्यक्षमता को प्रभावित कर सकता है, जिससे मांसपेशियों में खिंचाव, दर्द और जकड़न जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
यह अध्ययन एम्स भोपाल के फिजियोलॉजी विभाग के अतिरिक्त प्रोफेसर डॉ. अविनाश ठाकरे के नेतृत्व में किया गया। क्या स्मार्टफोन का विस्तारित उपयोग मैस्टिकेटरी, स्टर्नामैस्टॉइड और ट्रैपेज़ियस मांसपेशियों की गतिविधि को प्रभावित करता है, एक इलेक्ट्रोमायोग्राफिक अध्ययन शीर्षक से हुए इस शोध में पाया गया कि स्मार्टफोन के निरंतर और लंबी अवधि तक उपयोग से इन मांसपेशियों पर नकारात्मक दबाव पड़ता है। डॉ. ठाकरे ने आम लोगों को सलाह दी है कि स्मार्टफोन का उपयोग सीमित करें और गर्दन-पृष्ठ क्षेत्र की मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए नियमित व्यायाम करें। उन्होंने कहा कि इस तरह की सावधानी अपनाकर मांसपेशियों से जुड़ी कई समस्याओं से बचा जा सकता है। इस शोध कार्य में प्रो. डॉ. संतोष वाकोडे, प्रो. डॉ. राजय भारशंकर, प्रो. डॉ. संदीप हुल्के और प्रो. डॉ. अंशुल राय भी महत्वपूर्ण भूमिका में रहे।
तकनीक का करें संतुलित उपयोग
विशेषज्ञों का कहना है कि इस अध्ययन के नतीजे आधुनिक जीवनशैली के लिए एक चेतावनी हैं, जहां स्मार्टफोन पर निर्भरता तेजी से बढ़ रही है। स्वास्थ्य की दृष्टि से अब यह आवश्यक हो गया है कि तकनीक का संतुलित उपयोग किया जाए और शरीर को सक्रिय बनाए रखने की दिशा में कदम उठाए जाएं।


Leave Comments

Top