दक्षिणी कश्मीर के पहलगाम के बायसरन में मंगलवार दोपहर तीन बजे के करीब आतंकियों ने पर्यटकों को निशाना बनाकर गोलीबारी की। हमले में करीब 26 लोगों की मौत की जानकारी सामने आई है। मरने वालों में दो विदेशी नागरिक और दो स्थानीय लोग भी शामिल हैं। हमला उस वक्त किया गया, जब दक्षिण कश्मीर के इस खूबसूरत इलाके में सैकड़ों पर्यटक मौजूद थे, वो अपनी छुट्टियों का आनंद ले रहे थे। इस दौरान हथियारों से लैस आतंकवादी जंगल से निकले और उन पर गोलियां बरसानी शुरू कर दी।
पहलगाम में आतंकी हमला - फोटो : अमर उजाला
मजहब जाना और गोलियां बरसानी शुरू कर दी
जानकारी के मुताबिक, आतंकी सेना की वर्दी में आए और पर्यटकों से परिचय-पत्र मांगना शुरू कर दिया। इसके बाद उन्होंने पर्यटकों का मजहब जानकर और उनपर गोलियां बरसानी शुरू कर दी। जब तक सुरक्षा बल मौके पर पहुंचते, आतंकी कई पर्यटकों की हत्या कर पहाड़ियों की तरफ भाग गए। उनके मारे जाने या पकड़े जाने की फिलहाल कोई सूचना नहीं है।
पहलगाम में आतंकी हमला - फोटो : पीटीआई
आतंकियों के देख भाग गए दुकानदार और स्थानीय गाइड
रिपोर्ट्स के अनुसार, आतंकियों ने लगभग 40 पर्यटकों के एक समूह को घेर लिया और अचानक उन पर गोलियां बरसानी शुरू कर दी। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि जैसे ही गोलियां चलनी शुरू हुईं, मौके पर दुकान लगाए तमाम स्थानीय लोग वहां से भाग गए, मैदान में सिर्फ पर्यटक बचे। जिन पर आतंकियों का कहर टूट पड़ा। दक्षिण कश्मीर के इस रिसॉर्ट में बायसरन घास के मैदानों में मदद के लिए चीखें गूंज रही थीं, क्योंकि जम्मू-कश्मीर में हाल के वर्षों में नागरिकों पर हुए सबसे घातक आतंकी हमलों में से कई पर्यटक खून से लथपथ पड़े थे।
पहलगाम में आतंकी हमला - फोटो : पीटीआई
जंगल से निकले आतंकियों ने बरसाई गोलियां
हथियारों से लैस आतंकवादी बायसरन के जंगल से निकले, जो एक पहाड़ी के ऊपर एक घास का मैदान है और उन्होंने लगभग 40 पर्यटकों के एक समूह को घेर लिया। आतंकवादियों ने पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी, जिसमें कई लोग मारे गए और कम से कम 20 घायल हो गए।
'भैया मेरे पति को बचा लो'
वहीं हमले की शिकार हुई एक महिला ने पीटीआई को बताया, मेरे पति को सिर में गोली मारी गई... उनसे उनका धर्म पूछकर गोली मारी गई। महिला ने अपनी पहचान नहीं बताई, लेकिन घायलों को अस्पताल पहुंचाने में मदद की गुहार लगाई। महिला ने मौके पर लोगों से विनती करते हुए कहा, भैया, कृपया मेरे पति को बचा लो।
पहलगाम में आतंकी हमला - फोटो : पीटीआई
घास के मैदान तक पहुंचने के सीमित माध्यम
बता दें कि, इस मैदान तक पहुंचने के लिए कोई भी सीधी सड़क नहीं है। इस प्रसिद्ध घास के मैदानों तक केवल पैदल या टट्टुओं की मदद से ही पहुंचा जा सकता है। वहीं इस वारदात के बाद सेना ने घायलों को वहां से निकालने के लिए हेलीकॉप्टर बुलाए है। हालांकि, हेलीकॉप्टर के घटनास्थल पर पहुंचने से पहले ही स्थानीय लोगों ने अपने टट्टुओं पर कुछ घायलों को नीचे उतार लिया था। सामने आए वीडियो में स्थानीय पर्यटक गाइड और टट्टूवालों ने जिंदा बचे लोगों की मदद की। उन्होंने घायल पर्यटकों को अपने कंधों पर पास के मोटरेबल प्वाइंट तक पहुंचाया।