Mahakumbh: संगम की बूंदों में उफनाया माघी पूर्णिमा का अनंत विश्वास, आस्था के तटबंधों को तोड़कर उमड़ा जन सागर

अमर उजाला नेटवर्क, महाकुंभ नगर (प्रयागराज) Published by: विनोद सिंह Updated Wed, 12 Feb 2025 Maghi Purnima : माघी पूर्णिमा पर संगम में आस्था की अनंत बूंदों में श्रद्धालुओं ने भक्ति की डुबकी लगाई। विश्व के सबसे बड़े सांस्कृतिक आयोजन में हिस्सा बनने के लिए देश के कोने-कोने से श्रद्धालु संगम की रेती पर पहुंच रहे हैं।

Mahakumbh: The infinite faith of Maghi Purnima rose in the drops of Sangam

पूजहिं माधव पद जलजाता/ परसि अखय बटु हरषहिं गाता...। संत तुलसी की इस चौपाई का आशय है कि गंगा,यमुना और अदृश्य सरस्वती की पावन त्रिवेणी में डुबकी लगाकर ऋषि-मुनि,देव-दनुज सभी संगम रूपी सिंहासन पर विराजमान जगत के स्वामी भगवान श्रीहरि माधव के चरण कमल को पूज कर धन्य हो जाते हैं। साथ ही अक्षयवट का स्पर्श कर उनके तन-मन के ताप-संताप हमेशा के लिए मिट जाते हैं।
विश्व के सबसे बड़े सांस्कृतिक आयोजन महाकुंभ के पांचवें सबसे बड़े स्नान पर्व माघी पूर्णिमा पर एक बार फिर संगम की यही महिमा जगव्यापी श्रद्धा की अमृतमयी बूंदों के स्पर्श की अकुलाहट में साकार हुई। आधी रात से ही माघी पूर्णिमा की पावन डुबकी के लिए मचलता जन सागर दिन भर आस्था के तटबंधों को तोड़कर छलकने के लिए आतुर रहा।मेला प्रशासन ने दोपहर दो बजे तक 12 किमी लंबे संगम के 42 घाटों पर 1.83 करोड़ श्रद्धालुओं के डुबकी लगाने का दावा किया।
न किसी ने सूर्योदय का इंतजार किया न पुण्यकाल का। आधी रात त्रिवेणी के सुरम्य तट पर हर कोई प्रयाग में माघी पूर्णिमा की महिमा का पुण्य बटोरने की ललक लिए डुबकी मारने लगा। खचाखच भीड़ की वजह से रेती पर न कपड़े रखने की जगह थी न ठिठकने की। उसी जन सैलाब में किसी का झोला तो किसी का कपड़ा और किसी के परिवारीजन आंखों से ओझल होते र

Mahakumbh: The infinite faith of Maghi Purnima rose in the drops of Sangam

2 of 6

उसी बीच में पुरोहितों-संतों की शंखध्वनियां भी तन-मन को पुलकित कर रही थीं और घंट-घड़ियाल के बीच आस्था, विश्वास और भक्ति की लहरें भी हर अंतस को छूती रहीं। भक्ति के अनंत सागर से निकली आस्था की दिव्य आभा ने संगम से लेकर चार हजार हेक्टेयर क्षेत्रफ्रल में बसे महाकुंभ नगर के शिविरों से निकले रास्तों पर हर तरफ अद्भुत छटा बिखेर दी। पौ फटते ही पूरब की लाली से फूटी किरणें संगम की लहरों पर उतर कर हर तन-मन में शक्ति और उल्लास का संचार करने लगीं। पुण्य की डुबकी लगाने के साथ ही उन्हीं लहरों पर लोक मंगल के गीत गाए जाते

Mahakumbh: The infinite faith of Maghi Purnima rose in the drops of Sangam

3 of 6

मनाही के बावजूद संगम पर सौभाग्य के दीप भी जलते रहे और दुग्धाभिषेक भी होता रहा। तिलक-त्रिपुंड लगाने वाले पुरोहितों के चेहरे की मुस्कान देखते बन रही थी। बिहार के बक्सर और झारखंड के गढ़वा स्थित डालटनगंज से ढोल-हारमोनियम लेकर आए श्रद्धालु समूहबद्ध होकर संगम जाने वाले रास्तों पर कीर्तन करते रहे। अलग-अलग भाषा, पहनावा और संस्कृतियों के रंग आपस में इस तरह उल्लसित होकर मिल रहे थे, जैसे वर्षों की चाह पूरी हो रही हो।
बच्चे मम्मी-पाप के कंधे पर सवार थे तो महिलाएं अपने पति या पुत्रों का हाथ थाम कर संगम में नहाने पहुंची थीं। संगम पर पुण्य रूपी कमाई को अर्जित करने के लिए ऐसा ही समागम महाकुंभ में हर तरफ नजर आया। वर्षों बाद महाकुंभ में माघी पूर्णिमा पर कुंभ संक्रांति लगने की वजह से झूंसी से लेकर फाफामऊ, नैनी तक के रास्तों पर जन ज्वार उमड़ता रहा।

Mahakumbh: The infinite faith of Maghi Purnima rose in the drops of Sangam

4 of 6

कल्पवासियों के मास पर्यंत अनुष्ठानों की पूर्णाहुति, भक्ति का रंग हुआ गाढ़ा

एक तरफ डुबकी का उल्लास और दूसरी ओर कल्पवास के मास पर्यंत अनुष्ठानों की पूर्णाहुति ने महाकुंभ में भक्ति के रंग को और गाढ़ा कर दिया। शिविरों में रात भर अखंड रामायण पाठ और कीर्तन शुरू हो गए थे। कथा और सत्संग रूपी ज्ञान का प्रवाह गंगा-यमुना के भक्ति और प्रेम में समाहित होकर अलग त्रिवेणी रचता रहा। सेक्टर 19 स्थित राधा आध्यात्मिक सत्संग समिति के शिविर में डॉ. अमिता राधाचार्या ने माघ महात्म्य पर विस्तार से चर्चा की। संगम विश्व धरोहर अभियान को लेकर प्रयागराज सेवा समिति के शिविर में सत्यनारायण भगवान की कथा के साथ ही मास पर्यंत अनुष्ठानों की पूर्णाहुति हुई।

Mahakumbh: The infinite faith of Maghi Purnima rose in the drops of Sangam

5 of 6

संतों-भक्तों और कल्पवासियों पर अफसरों ने बरसाए 42 कुंतल फूल

माघी पूर्णिमा स्नान पर्व पर सुबह ही हेलिकॉप्टर से श्रद्धालुओं, संतों और कल्पवासियों पर पुष्पवर्षा आरंभ हो गई। अफसरों ने संगम समेत गंगा के सभी स्नान घाटों पर शाम तक 42 कुंतल गेंदा, गुलाब की पंखुड़ियों की वर्षा की। इस दौरान पुष्पवर्षा से पुलकित होकर श्रद्धालु गगनभेदी जयकारे भी लगाते रहे।


Leave Comments

Top