नवदुनिया प्रतिनिधि, भोपाल। भोपाल के मिसरोद थाना क्षेत्र के 11 मील इलाके में स्थित ज्ञान गंगा स्कूल के छात्रावास में आठ वर्षीय मासूम के साथ दुष्कर्म का मामला सामने आया है। घटना पर संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने पुलिस आयुक्त को एसआइटी बनाकर जांच के निर्देश दिए तो पुलिस ने तत्काल चार सदस्यीय एसआइटी का गठन कर जांच शुरू कर दी ह
बुधवार को पुलिस ने पीड़ित छात्रा का दोबारा चिकित्सकीय परीक्षण करवाया और स्कूल पहुंचकर छात्रावास में बच्ची के रहने का स्थान देखा, साथ ही वहां लगे सीसीटीवी फुटेज खंगाले। पुलिस अभी आरोपितों की पहचान नहीं कर पाई है। उधर, इस घटना को लेकर आक्रोशित हिंदू संगठनों ने स्कूल के बाहर प्रदर्शन किया और शिक्षा मंत्री का पुतला जलाया।
साथ ही आरोपितों की तत्काल गिरफ्तारी कर स्कूल पर बुलडोजर चलाने की मांग की। वहीं घटना को लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है। कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कानून व्यवस्था को लेकर सवाल भी उठाए हैं।
श्यामला हिल्स निवासी 31 वर्षीय महिला ने मिसरोद थाने में शिकायत की है कि उन्होंने अपनी आठ वर्षीय बेटी का करीब 15 दिन पहले 11 मील क्षेत्र स्थित ज्ञान गंगा स्कूल में कक्षा तीन में प्रवेश कराया था। रविवार को जब वह अपनी बेटी से मिलने गईं तो स्कूल वालों ने कहा कि आप अपनी बेटी को आउटिंग पर ले जाएं। वे पास के शापिंग माल में घुमाकर उसे वापस स्कूल छोड़कर आ गई।
उसके बाद 28 अप्रैल रविवार को उन्होंने अपनी बेटी से बात करने के लिए दोपहर में फोन किया तो वार्डन ने कहा कि बच्ची सो रही है। जैसी उठेगी, वह बात करवा देंगी। शाम करीब छह बजे दो मिनट के लिए बात करवाई, जिस दौरान बेटी रोने लगी। वीडियो काल पर बात करते समय बच्ची ने रोते हुए बताया कि मां मुझे आपको कुछ बताना है लेकिन इतने में वार्डन ने फोन काटकर बंद कर दिया।
29 अप्रैल को महिला इंदौर से भोपाल आई और ज्ञान गंगा स्कूल पहुंची। बेटी को बाहर लाकर कार में बात की तो बच्ची ने बताया कि मैं करीब चार दिन पहले मेस में खाना खाकर फ्री हुई तो वार्डन आंटी ने मुझे कमरे में ले जाकर जबरदस्ती दाल-चावल खिलाए, जिसके बाद मुझे कुछ याद नहीं है। फिर रात में थोड़ी नींद खुली तो मुझे पता चला कि मैं अपने कमरे में नहीं थी, मैं जमीन पर लेटी थी। मेरे ऊपर एक अंकल सो रहे थे। एक मोटी से दाड़ी वाले अंकल मेरे साथ गलत काम कर रहे थे, पास में खड़े अंकल बोल रहे थे कि साहब बच्ची को होश आ गया है। अंकल ने दो तीन बार बोला।
इसके बाद मेरी आंख पर हाथ रख दिया। मेरे प्राइवेट पार्ट से ब्लड आ रहा था। इस पूरे घटनाक्रम की जानकारी पर पुलिस ने ज्ञानगंगा स्कूल के छात्रावास के तीन अज्ञात कर्मचारियों के खिलाफ दुष्कर्म, लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 के तहत एफआइआर दर्ज की है। हालांकि महिला ने पुलिस पर मामला दबाने का आरोप लगाया है।
राष्ट्रीय बाल आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने बताया कि ज्ञान गंगा स्कूल के छात्रावास में एक बच्ची के साथ यौन दुराचार होने की शिकायत प्राप्त हुई है। हमने भोपाल पुलिस से जांच कर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। यह बेहद घृणित प्रवृत्ति का अपराध है। इस प्रकार के अपराध में अपराधियों को आरोपितों को सजा मिले।
स्कूल के छात्रावास में बच्ची के साथ दुष्कर्म के आरोप बेबुनियाद हैं। 28 साल में आज तक हमारे स्कूल में कोई घटना सामने नहीं आई है। सच्चाई सामने आनी चाहिए। जिस महिला ने आरोप लगाया है कि उसकी तरफ से कोई शिकायत हमें नहीं मिली है। 19 अप्रैल को बच्ची का प्रवेश हुआ था और 29 अप्रैल को महिला अपनी बच्ची को हंसी खुशी स्कूल से लेकर गई थी। उसके बाद रात में ही पुलिस की ओर से फोन आया है कि वह जांच करना चाहती है। हमारी ओर से पूरा सहयोग किया जा रहा है। हमारे सीसीटीवी का पूरा डाटा पुलिस को उपलब्ध करवा दिया गया है। पुलिस जांच में सच्चाई सामने आ जाएगी। - प्रियंका मोदी, डायरेक्टर, ज्ञान गंगा स्कूल
बेटियों के साथ अत्याचार की घटनाएं प्रदेश के माथे पर कलंक, दोषियों को कड़ी सजा मिल
पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कानून व्यवस्था पर प्रश्न उठाते हुए एक्स पर लिखा है कि भोपाल के एक स्कूल में छोटी बच्ची के साथ दरिंदगी की घटना दिल दहला देने वाली है। अभी कुछ दिन पहले ही जोबट में भी छोटी बच्ची के साथ दुष्कर्म का मामला सामने आया था। प्रदेश में बेटियों के साथ हो रही इस तरह की घटनाएं सभ्य समाज के माथे पर कलंक है। दोषियों को कड़ी सजा मिले। प्रदेश सरकार बेटियों को सुरक्षा देने और अपराधियों को कड़ा से कड़ा दंड देने के की जगह उन लोगों पर कार्रवाई करती है जो पीड़ितों के साथ सहानुभूति व्यक्त करते हैं। जोबट में पीड़ित परिवार से मिलने गए कांग्रेस नेताओं के विरुद्ध प्रकरण दर्ज करना यही दिखाता है। सरकार बेटियों के साथ हो रहे अत्याचार की घटनाओं को राजनीतिक बदले का हथियार बनाने के स्थान पर कानून व्यवस्था को ठीक करने पर ध्यान दे।