Lok Sabha Election 2024: अनंतनाग-राजोरी सीट पर बदली चुनाव की तारीख, अब 25 मई को होगा मतदान

अमर उजाला नेटवर्क, जम्मू Published by: आकाश दुबे Updated Tue, 30 Apr 2024 08:36 PM IST

भाजपा, अपनी पार्टी, डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (डीपीएपी), पीपुल्स कांफ्रेंस समेत विभिन्न राजनीतिक संगठनों तथा प्रत्याशियों की ओर प्रत्यावेदन दिया गया था। जिसमें चुनाव टालने की मांग की गई थी।

चुनाव आयोग ने अनंतनाग-राजोरी लोकसभा सीट (जम्मू-कश्मीर) में मतदान की तारीख में संशोधन किया है। पहले यहां सात मई को चुनाव होना था, लेकिन अब यहां छठे चरण में 25 मई को मतदान होगा।
बता दें कि अनंतनाग-राजोरी संसदीय सीट का चुनाव टालने के लिए भाजपा, अपनी पार्टी, डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी (डीपीएपी), पीपुल्स कांफ्रेंस समेत विभिन्न राजनीतिक संगठनों तथा प्रत्याशियों की ओर से दिए गए प्रत्यावेदन का चुनाव आयोग ने संज्ञान लिया था। चुनाव टालने के लिए दिए गए प्रत्यावेदन में सभी ने खराब मौसम के कारण मुगल रोड के बंद होने को आधार बनाया था। इनका कहना था कि मुगल रोड बंद होने की वजह से प्रत्याशियों को मतदाताओं तक पहुंचने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा है। इससे आम मतदाताओं तक निर्धारित समय में संपर्क नहीं हो पाया। प्रत्यावेदन देने वाले प्रत्याशियों का कहना था कि यह लोकसभा सीट सीमावर्ती जिले राजोरी-पुंछ तथा दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग, कुलगाम व शोपियां को मिलाकर बनाई गई है।

दक्षिण कश्मीर तथा राजोरी-पुंछ के बीच संपर्क का एकमात्र साधन मुगल रोड है जो पिछले दिनों लगातार बारिश तथा बर्फबारी के कारण कई दिनों तक बंद रहा है। नामांकन के दौरान भी सड़क बंद रही। पहले यहां का चुनाव सात मई को होना था। ऐसे में मांग की गई थी कि चुनाव को टालकर प्रत्याशियों को प्रचार के लिए कुछ समय और दि

पीडीपी और नेशनल कांफ्रेंस को पुरानी तारीख से नहीं थी आपत्ति: डॉ हरबक्श सिंह

चुनाव आयोग द्वारा अनंतनाग-राजौरी सीट पर मतदान की तारीख को संशोधित कर 25 मई की घोषणा करने के बाद प्रमुख राजनीतिक दल पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की ओर से कड़ी प्रतिक्रिया सामने आई है। पीडीपी के प्रवक्ता डॉ हरबक्श सिंह ने अमर उजाला के साथ विशेष बात करते हुए कहा, "बहुत ही बदकिस्मती वाली बात है। जो मुख्य दो राजनीतिक दल हैं पीडीपी और नेशनल कांफ्रेंस जिनका वहां आपस में मुकाबला है उनको कोई आपत्ति नहीं थी इसमें, लेकिन यह एक चाल के तौर पर लिया गया फैसला है। इनको (भाजपा) डर है, यह महबूबा मुफ्ती को रोकना चाहते हैं। इनको पता है कि उनकी लोकप्रियता है। यह सबोटाज करने की योजना है लोकतान्त्रिक संस्थान को।" 

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